
NHM performed roti samman,tomorrow water styagraha in 33 districts
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो) । छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को 22 वें दिन भी हड़ताल पर रहे। लेकिन सरकार अब भी मरणासन्न है। जबकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह अपंग हो गयी है। आज एनएचएम कर्मचारियों ने 33 जिलों में रोटी सम्मान न्याय गारंटी विषय पर प्रदर्शन किया। ताकि रोटी की कीमत सरकार समझे। मगर सरकार सत्ता में गुम है।कल प्रदेश के 33 जिलों में 16 हजार एनएचएम कर्मी जल सत्याग्रह करेंगे।
अपनी मांगे मनवाने डटे हुए है
संघ के पदाधिकारियों ने बताया की अनिश्चित कालीन हड़ताल का आज 22वां दिन है इसके बाद भी शासन द्वारा हमारी मांगो पर लिखित मे अमल नहीं किया जा रहा है। इसलिए प्रतिदिन अलग-अलग तरीके से जगाने का प्रयास हो रहा है l पदाधिकारियों ने बताया कि, सरकार के दमनकारी नीति के चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों का आक्रोश दिन ब दिन दुगुना हो रहा और जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो रही है। आलम यह है कि, जितना सरकार हड़ताली कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है उतना ही दुगुने जोश के साथ लगातार आज आंदोलन के 22वें दिन भी धरना स्थल में सरकार से अपनी मांगे मनवाने डटे हुए है।

कई संगठनों ने किया समर्थन
एनएचएम संविदा कर्मचारी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 वें दिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी एवं प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने समस्त कर्मचारियों में मजबूती के साथ तन्मयता से आंदोलन में अग्रसर होने के लिए सकारात्मक ऊर्जा के संचार की बात कही । पदाधिकारियों द्वारा यह भी कहा गया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी संगठन, सामाजिक संगठन द्वारा हमारे आंदोलन का समर्थन किया गया है अब हमारा आंदोलन सिर्फ हमारा न हो करके जन आंदोलन होने की ओर अग्रसर हो रहा है धैर्य रखे निश्चित ही हमारी जीत होगी।

कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम स्थगित
वहीं दिनांक 04.09.2025 को संचालनालय स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ के द्वारा एनएचएम कर्मचारियों के आंदोलन के चलते कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को आगामी आदेश तक किया स्थगित कर दिया गया है । गौरतलब है कि वर्तमान सत्ताधारी पार्टी जब विपक्ष में थी तब पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों द्वारा तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जी से पत्राचार करते हुए आंदोलनरत संविदा कर्मचारियों के संविलियन के लिए पत्राचार किया था जो आज सत्ता में बैठे हुए है तो क्यों नहीं कर रहे इनका संविलियन ? ऐसा लगता है जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों का संविलियन या नियमितीकरण राजनीति की भेट चढ़ गया हो।
हड़ताल अनवरत जारी रहेगी
संघ के महासचिव कौशलेश तिवारी ने बताया कि जब तक 10 सूत्रीय मांगों पर लिखित आदेश नहीं मिल जाता, हड़ताल अनवरत जारी रहेगी । सरकार हमारी मागों को पूरा करने में संवेदनशीलता नहीं दिखाएगी तो अब तो हमारा आंदोलन सिर्फ हमारा आंदोलन नहीं बल्कि जन आंदोलन का स्वरूप लेगी। इसलिए माननीय मुख्यमंत्री से हमारी मार्मिक अपील है कि हमारे मांगों के संबंध में स्वयं संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप कर 10 सूत्रीय मांगों को पूरा कर हमे आर्थिक, सामाजिक एवं जॉब सुरक्षा प्रदान करे, कर्मचारियों ने बताया कि सरकारों ने कई बार कमेटी बनाई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक नहीं आई, अब हमें कमेटी के धोखे में नहीं आना है, ” अब हमें आश्वासन नहीं आदेश चाहिये “

खोखली गारंटी, झूठा प्रचार
कर्मचारियों का आरोप है कि, सरकार 10 में से 5 मांगें पूरी होने का दावा कर रही है, लेकिन एक भी लिखित आदेश जारी नहीं हुआ। स्वास्थ्य मंत्री पर अधिकारियों द्वारा गुमराह करने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने इसे धोखे की साजिश करार दिया। एनएचएम कर्मचारी संघ ने आंदोलन को रायपुर तक ले जाने और उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इस अवसर पर समस्त एन एच एम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे ।

रोटी की गारंटी अपने सेवा के बदले मांगी
अल्प वेतन में 20 सालों से काम कर रहे हैं कोरोना योद्धाओं की कहीं कोई सुनवाई न होने के कारण तथा अपने बर्खास्त साथियों का साथ देते हुए पूरे प्रदेश के 33 जिलों में आज 16 हज़ार एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने *रोटी संघर्ष न्याय सेवा गारंटी नामक प्रदर्शन किया जिसके तहत हड़ताली कर्मचारियों ने रोटी की गारंटी अपने सेवा के बदले मांगी है जिससे उन्हें सामाजिक न्याय की प्राप्ति हो सके ।अल्प वेतन में कोरोना महामारी का सामना करते हुए बिना किसी सामाजिक आर्थिक सुरक्षा के प्रावधान के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र मोदी की गारंटी का हवाला देते हुए यह आंदोलन आज 22 वें दिन भी जारी है ।
