
new doors of development will open in naxalite sector
बालाघाट। कलेक्टर मृणाल मीना ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि नक्सली क्षेत्रों में सड़क बिजली, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, नेटवर्क और रोजगार के कार्य करने है। उन्होने पंचायत वार क्षेत्रों में आवश्यकताओं को दूर करने के लिए प्रतिक्रियाएं ली। 15 से अधिक पंचायतों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर समस्याएं जानी।
सुझाव वाले काम जल्द
इस सम्बंध में कलेक्टर श्री मीना ने आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही समस्याओं के बारे में उनसे जुड़े विभागों के साथ पृथक से बैठक कर विभाग की प्लानिंग की अपडेट जानकारी लेते हुए प्रस्तावित कार्यो को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा जो सुझाव आये हैं,उन कार्यो को भी जल्द शुरू किए जाएंगे।
सभी जगह जल संकट
बैठक के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा 15 से अधिक पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीण स्थितियों के सम्बंध में में अपनी राय रखी। पंड्रापानी पंचायत के सुरेंद्र सिंह मेरावी ने बताया कि पंचायत में 38 पीएम आवास बन चुके हैं और 28 बन रहें है। मकान अच्छे बने है। साथ ही स्कूल भी खुलती और शिक्षक भी आते है। स्वास्थ्य केंद्र भी अच्छी स्थिति में है। परंतु अभी पानी की बड़ी समस्या है। गांव के लोगों का पलायन की वजह स्थानीय रोजगार नही है। बाहर उन्हें 300 से 400 रुपये मिल जाते है। इसी तरह तिलगांव सरपंच जामसिंह ने बताया कि पानी की समस्या तो है ही साथ ही कुछ टोलों में सड़क नही है। घोंघादार में बिजली-सर्वर की समस्या, एकदला में पानी सड़क और नेटवर्क नही है। इनके अलावा जगनटोला,मोहनपुर,धनवार, बलगांव, माना ,देवगांव, अकलपुर,टिकरिया पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं बताई।
नक्लवाद खत्म, तो विकास होगा
कलेक्टर मीना ने पंचायतों के प्रतिनिधियों से कहा कि बालाघाट को नक्सल के दाग से मुक्त करने की दिशा में पंचायतों की सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है। नक्सल क्षेत्र का दाग मिटेगा तो और तेजी से विकास के कार्य होंगे। मप्र शासन द्वारा नक्सल आत्मसमर्पण नीति लागू की गई हैए पंचायतों में इसके बैनर लगाए और ग्राम सभाओं में भी इस सम्बंध में विस्तृत चर्चा करें।