
Naxalites put up banners in support of the farmers movement
बालाघाट(रफी अंसारी)। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ की तरह बालाघाट में भी लाल गलियारा का दायरा बढ़ाने नक्सली सक्रिय है।माओवादी लोगों का समर्थन पाने के लिए किसानों के हक में बैनर और पोस्टर चिपका कर सरकार की नीतियों की खिलाफत खुले आम कर रहे हैं। स्पेशल जोनल कमेटी के नक्सलियों ने ग्राम मुरुम गांव के तिराहे के पास बैनर लगा कर अपनी ताकत की ताकीद एक बार फिर की। बैनर और पोस्टर के जरिये वो किसानों को उद्वेलित कर रहे हैं कि श्रंखलाबद्ध तरीके से आंदोलन करें। किसानों के आंदोलन का नक्सलियों ने समर्थन किया है।
बैनर लगाने में किसने दिया साथ
माओवादियों ने बैनर और पोस्टर के जरिये किसानों से अपील की है कि जब तक मांगे पूरी नही होती तब तक विभिन्न प्रकार का आंदोलन करते रहें। इसके अलावा नक्सलियों ने किसानांे से बार्डर की ओर कूच करने की अपील की है। शहर, गांव और कस्बों में किसानों का समर्थन करने की अपील की है। माओवादियों के लगे बैनर की सूचना पुलिस को मिलने पर उसे जब्त कर लिया है। साथ ही इस बात की तहकीकात कर रही है कि नक्सली जब बैनर लगा रहे थे और पोस्टर चिपका रहे थे,उस वक्त गांव के कौन लोग उनके साथ थे। उन्हें ऐसा करते गांव के कौन कौन देखे हैं।
किसान विरोधी है सरकार
नक्सलियों ने बैनर बांधने के अलावा जगह जगह पर्चे भी फेंके हैं। जिसमें लिखा है कि देश के किसानों की जो मांगे हैं और किसान केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है, ऐसे में राज्य सरकार को समस्या का निपटारा करने का आदेश देना अनुचित है। लेकिन यही हमारी शीर्ष अदालत है और यही हमारी लचर न्याय व्यवस्था है। अब तक दर्जनों आंदोलनकारी किसान पुलिस की फायरिंग में मारे जा चुके हैं। निर्मम सरकार के रवैय्ये से निराश होकर जान दे चुके हैं। प्रतिकूल मौसम में आंदोलन करते हुए अपनी जान गंवा चुके है। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज, छोडे़ गये अश्रुगैस के गोले के फायरिंग में सैकड़ों किसान घायल हुए हैं। सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से बदहाल हुई कृषि के कारण देश में लगातार किसानों की आत्महत्याएं हो रही है। कृषि को साम्राज्यवादी पूंजी के हवाले किया जा है।
किसान दिल्ली कूच करें
दलाल पूंजीपति और साम्राज्यवादी कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए कार्पोरेट खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनकी ही जमीन पर उन्हें मजदूर बनकर काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। विभिन्न कार्पोरेट परियोजनाओं के लिए उनसे जबरन जमीनें छिनी जा रही है, जमीनों से बेदखल किया जा रहा है। इस तरह उक्त भ्रमित बातो का उल्लेख कर माओवादियों ने सोशल मीडिया पर आंदोलन के समर्थन में अभियान चलाने गांव कस्बों में किसान आंदोलन के समर्थन में धरना.प्रदर्शन और चक्काजाम आंदोलनों का आयोजन करने,व्यापक पैमाने पर दिल्ली और पंजाब बार्डर की ओर कूच करने का उल्लेख किया है।
48 नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा की गयी वारदात के बाद पुलिस सतर्क है। नक्सल प्रभावित अंचल में पुलिस माओवादियों की हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। माओवादियों के बैनर लगाने और पोस्टर चिपकानें को पुलिस हल्के में नहीं ले रही है। उसे यकीन है कि ऐसा करके नक्सली केवल ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। इसके पीछे उनकीे मंशा कुछ और हो सकती है। इसलिए पुलिस ने करीब 48 नक्सलियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। पुलिस को जिन नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमे प्रमुख हैं- सुरेन्द्र उर्फ सोमासोढी, विकास उर्फ अनिल नागपुरे, दीपक उर्फ सुधाकर, प्रेम उर्फ प्रवीण, रीता उर्फ तुब्बी श्रीरांगु, संतु उर्फ तीजूराम, रामसिंग उर्फ संपत उर्फ लखन मरावी, सविता उर्फ आयची, चांदनी उर्फ छुन्नी मरकाम, वीरू उर्फ वेकंटेश, अनुराधा उर्फ वसंती, मोहन उर्फ केलू, रिंकी उर्फ रोजा, योगेश, दुर्गेश उर्फ नंदू, लालू, देवसू, जयशीला, मायुर, सलेश, सलिता, धरमू, करिश्मा, ईमला, सुमन, हुलास,देवचंद उर्फ नरेश उर्फ चेतराम, रानो उर्फ रम्मी, संगीता उर्फ कविता, जानकी उर्फ लिम्म, रोशन उर्फ सोमाजी, सुभाष, रोहित उर्फ मंगलू, नागसु उर्फ गोलू, रमेश, रवि, मल्लेश, आशा, प्रवीण उर्फ लालसू, रामबाई, राकेश होड़ी, समर उर्र राजू आत्रम, सोनी मंडावी, जरीना उर्फ जोगी मुच्चासी, प्रमीला उर्फ मासे मंडावी, ममता उर्फ रामबाई मंडावी, हिड़मा उर्फ नवीन, सरिता उर्फ शीला समेत अन्य नक्सलीयों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है।
इनका कहना है.
माओवादियों ने पोस्टर बैनर लगाए हैं। इसकी सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की गयी। बैनर उतार कर जब्त कर लिया गया है। साथ ही पोस्टरों को भी। ऐसा करने वाले नक्सलियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। और जांच किया जा रहा है कि ऐसी हरकत नक्सलियों ने ही की है या फिर इसके पीछे किसी और का हाथ है। वो कौन हैं जो नक्सलियों का साथ दे रहे हैं,इसकी भी जांच की जा रही है।
नगेंद्र सिंह, एसपी बालाघाट