
Naxalite victims dream of his home is realized
राष्ट्रमत न्यूज,सुकमा (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर केंद्र सरकार से प्राप्त 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की विशेष स्वीकृति के अंतर्गत सुकमा जिले के ग्राम ओईरास, ग्राम पंचायत गादीरास की एक नक्सल पीड़ित परिवार की मुखिया श्रीमती सोडी हुंगी पत्नी स्वर्गीय श्री मासा सोडी को पक्का मकान मिल गया है। यह राज्य में नक्सल पीड़ित परिवारों एवं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत तैयार होने वाला पहला मकान है, जो न केवल सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि पीड़ित परिवार के पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर भी है।

मुखबिरी के संदेह में हत्या
श्रीमती सोडी हुंगी, वर्ष 2005 में नक्सलियों के हिंसा की शिकार हुईं, जब उनके पति मासा सोडी की मुखबिरी के संदेह में धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। अत्यंत गरीब यह परिवार वर्षों तक कच्चे घर में रहने को मजबूर था, जहां बरसात में टपकती छत और जहरीले कीड़े-मकोड़ों से जान का खतरा बना रहता था।
अपने परिवार के साथ रहने लगी
ग्राम पंचायत गादीरास द्वारा वर्ष 2024-25 में विशेष परियोजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पात्र पाए जाने पर श्रीमती सोडी हुंगी का नाम प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर हितग्राही के खाते में चरणबद्ध रूप से तीन किश्तों में कुल 1 लाख 35 हजार की राशि जारी की गई। शासन की पारदर्शी प्रक्रिया, तकनीकी मार्गदर्शन और समय-समय पर की गई निगरानी के चलते 8 जुलाई 2025 को आवास निर्माण कार्य पूरा हुआ, जिसमें श्रीमती सोडी हुंगी अब अपने परिवार के साथ रहने लगी है।
संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ श्रीमती सोडी हुंगी को अन्य योजनाओं का भी लाभ प्राप्त हुआ है, जिनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति, मनरेगा के तहत 90 दिवस की मानव मजदूरी का भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शामिल है।श्रीमती सोडी हुंगी के बेटों ने कहा कि हमारा परिवार आज सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी पा रहा है। यह सब जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत संभव हुआ है। हम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं केंद्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने नक्सल पीड़ितों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास हेतु इतनी संवेदनशील और प्रभावी नीति बनाई है।