
Naxalite issued a latter of ceasefire
रायपुर। लगता है नक्सली टूट गये हैं। अब वो हर हाल में युद्ध विराम चाहते हैं। इसके लिए नक्सलियों के संगठन का सेट्रल कमेटी का प्रवक्ता अभय ने मीडिया को एक पत्र भी जारी किया है। वहीं छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दो टुक कह दिया है कि नक्सलियों से वार्ता के लिए सरकार तैयार है, बशर्ते उनकी कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। लेकिन तेलगू भाषा में जो पत्र जारी किया है उसमें सरकार पर कई आरोप के साथ माओवादियों की कई शर्ते भी हैं। गृहमंत्री अमित शाह के आगमन से पहले नक्सलियों का युद्ध विराम का यह कदम कई सवाल छोड़ता है। इसलिए कि चार अप्रैल को नक्सलियों ने बंद का आव्हान किया है और उसी दिन गृहमंत्री का छत्तीसगढ़ दौरा है।
हम शांति वार्ता के लिए तैयार
बस्तर के वनांचल क्षेत्र में लगातार नक्सलियों को हो रहे नुकसान के बाद अब माओवादियों ने विराम की मांग की है। इस सबंध में नक्सलियों ने एक कथित पत्र भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार यदि ऑपरेशन बंद करने का घोषणा करती है तो नक्सली भी युद्ध विराम को तैयार है।नक्सलियों के केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी किया है। अभय ने लिखा कि, पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकती है, तो हम शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी प्रकार की सार्थक वार्ता के लिए तैयार है। बशर्ते इसके लिए कोई शर्त न हो। नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो उन्हें वार्ता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा।
हैदराबाद में संगठन की एक बैठक हुई
इस पत्र को नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का प्रवक्ता अभय ने जारी किया है। इस पत्र को तेलगु भाषा में जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि, 24 मार्च को हैदराबाद में संगठन की एक बैठक हुई थी। जिसमें बिना किसी शर्त के शांति वार्ता के लिए आगे आने और बातचीत कर युद्धविराम की घोषणा करनी चाहिए इस पर बात हुई।अभय ने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने शांति वार्ता के लिए पहल की थी। जब हमारे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य और माओवाद संगठन के प्रतिनिधि विकल्प ने शांति वार्ता के लिए अपनी शर्त रखी थी कि जवानों को कैंप तक ही रखा जाए।
ऑपरेशन को बंद किया जाए
पर्चे में लिखा है ऑपरेशन को बंद किया जाए, जिसके बाद बातचीत करेंगे। इन शर्तों का जवाब दिए बगैर लगातार ऑपरेशन चलाए गए। पिछले 15 महीने में हमारे 400 से अधिक नेता, कमांडर, PLGA के कई स्तर के लड़ाके मारे गए। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया है।
तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे-
अभय ने लिखा है कि, इसके लिए हमारा प्रस्ताव है कि केंद्र और राज्य सरकारें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हत्याओं और नरसंहार को रोकें। नए सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकें।अगर केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं, तो हम तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे।
शाह का दावा- खत्म कर देंगे नक्सलवाद
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंच से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दों। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे।उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।
शांति वार्ता की बात कही
इस पत्र में स्पष्ट तौर पर देखा जाए तो नक्सलियों ने शांति वार्ता की बात कही है। हालांकि उनकी तरफ से शर्त नहीं है। बस शांति स्थापित हो इसलिए ये पत्र जारी किया गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कई बार शांति वार्ता को लेकर बात चीत की गई लेकिन कोई महत्वपूर्ण पहल दिखाई नहीं दी।
नक्सलियों ने पत्र जारी कर कहा_
नक्सलियों ने युद्ध विराम की मांग की है और शांति वार्ता के लिए बिना शर्त सीजफायर की अपील की है।
- सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने मध्य भारत में युद्ध को तत्काल रोकने का आह्वान किया है।
वे शांति वार्ता को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार और सीपीआई (माओवादी) दोनों से बिना शर्त युद्ध विराम की मांग करते हैं।
* माओवादियों ने सरकार पर आदिवासी समुदायों के खिलाफ “नरसंहार युद्ध” छेड़ने का आरोप लगाया है और नागरिक क्षेत्रों में सैन्य बलों के उपयोग को असंवैधानिक बताया है।
*भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करते हुए ‘कागर’ नामक एक गहन आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया।इस अभियान के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं और सामूहिक गिरफ्तारियां हुई हैं।
*हताहतों की संख्या और मानवाधिकार उल्लंघन • 400 से अधिक माओवादी नेता, कार्यकर्ता और आदिवासी नागरिक कथित तौर पर मारे गए हैं। • महिला माओवादियों को कथित तौर पर सामूहिक यौन हिंसा और फांसी का सामना करना पड़ा है। • कई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें अवैध हिरासत और यातना दी गई है।
*शांति वार्ता के लिए माओवादियों की शर्तें
• प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की तत्काल वापसी। • नई सैन्य तैनाती का अंत। • आतंकवाद विरोधी अभियानों का निलंबन।
सरकार के खिलाफ आरोप
*सरकार पर क्रांतिकारी आंदोलनों को दबाने के लिए आदिवासी समुदायों के खिलाफ “नरसंहार युद्ध” छेड़ने का आरोप है। • नागरिक क्षेत्रों में सैन्य बलों के उपयोग को असंवैधानिक बताया जाता है।
*सीपीआई (माओवादी) ने जनता से समर्थन मांगा
*माओवादियों ने बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से शांति वार्ता के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया।
*वार्ता के लिए गति बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का अनुरोध किया गया।
शांति वार्ता के लिए माओवादियों की तत्परता अगर सरकार उनकी पूर्व शर्तों पर सहमत होती है तो वे बातचीत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करते हैं। सीपीआई (माओवादी) ने कहा कि जैसे ही सरकार सैन्य अभियान बंद करेगी, वे युद्ध विराम की घोषणा करेंगे।
4 अप्रैल को छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे मंत्री शाह
देश के गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, मंत्री शाह 4 अप्रैल को रायपुर पहुंचेंगे। जिसके बाद पांच अप्रैल को सुबह दंतेवाड़ा पहुंचेंगे, वहां वे बस्तर पंडुम कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद इसके बाद जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, और नगरीय निकायों के अध्यक्ष के साथ भोजन करेंगे। साथ ही, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर के 10-10 सरपंचों के साथ भी भोजन का आयोजन होगा।
कई अहम चर्चाओं का आधार बनेगा
जिसके बाद पांच अप्रैल को ही नक्सल ऑपरेशन में कमांडर के साथ बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि नक्सल मोर्चे पर सफलता को लेकर अफसरों से चर्चा करेंगे और 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने को लेकर भी रणनीति को लेकर भी चर्चा करेंगे। फिर दोपहर बाद बस्तर से रायपुर पहुंचेंगे और शाम रात तक वापस दिल्ली रवाना होंगे। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस बात की जानकारी दी है। और कहा कि अमित शाह का यह दौरा छत्तीसगढ़ में सुरक्षा और विकास को लेकर कई अहम चर्चाओं का आधार बनेगा।