
Naxalite area culver road will not be able to bear even a rain
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। नक्सल प्रभावित गांवों में समग्र विकास के लिए सरकार ने प्रधान मंत्री योजना और आरसीपीएल योजना का समुचित इस्तेमाल कर ही है। लेकिन देखा गया है कि प्रधानमंत्री योजना के जरिये नक्सल प्रभावित गांवों में जो सड़कें बन रही हैं,वो दोयम दर्जे की है। पहली बारिश में बची रहेंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं। सडकों में गुणवत्ता का अभाव दिखाई दिख रहा हैं तो वहीं पुल-पुलियों में जगंल की मिट्टी युक्त रेत का प्रयोग किया जा रहा हैं। अब ऐसे में यह सड़क और पुल-पुलिया कितने दिनों तक आवागमन के काबिल रहेंगी, यह तो आने वाला समय ही बता पायेंगा।
निर्माण कार्यो में नालों की रेत
राष्ट्रमत की टीम ने बिरसा विकासखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र लातरी, मोहरदल्ली, दहियान टोला, बोदालझोला,कलकत्ता मार्ग का अवलोकन किया। देखने को मिला कि इन मार्गो की सड़कें अभी से इतनी खराब हैं कि नहीं लगता है कि ग्रामीणों को इस बारिश के बाद सड़कें देखने को मिलेगी। उसकी वजह यह है कि स्थानिय नदी नालों से मिट्टी युक्त रेत खनन कर उपयोग किया जा रहा हैं। विभागीय प्राकलन के अनुसार मोहरदल्ली के पास स्थित नदी में बनने वाली पुलिया में सीमेंट का भी उपयोग नहीं हो रहा हैं। जबकि पुलिया लगभग पूरी हो गयी है। इसके आगे बोदल झोला के पास दो ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है।जिसमें एक अमोली नाला पर ठेकेदार सब ठेकेदार का निर्माण कार्य चल रहा है। जहां पर स्थानिय नदी नालों से मिट्टी युक्त रेत का उपयोग किया जा रहा हैं। उसी के पास बोदालझोला गांव से लगे नाले पर दूसरे ब्रिज का कार्य चल रहा हैं। जहां ब्रिज के बेस का कार्य चल रहा हैं। उक्त ब्रिज में भी नालों की रेत का उपयोग कर निर्माण कार्य किया जा रहा हैं।
सीमेंट का उपयोग नहीं हो रहा
रास्ते में पड़ने वालें मोहरदल्ली के पास स्थित नदी पर निर्माणाधिन पुलियां का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका हैं तो वहीं उसी के आगे बोदलझोला के पास दो ब्रिज का कार्य चल रहा हैं। जिसमें एक अमोली नाला पर सब ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। जहां पर स्थानिय नदी.नालों से मिट्टी युक्त रेत खनन कर उपयोग किया जा रहा हैं। जबकि विभागीय प्राकलन के अनुसार सीमेंट का उपयोग नहीं हो रहा हैं। उसी के पास बोदालझोला गांव से लगे नाले पर ब्रिज के बेस का कार्य चल रहा हैं। उक्त ब्रिज में भी नालों की रेत का उपयोग कर निर्माण कार्य किया जा रहा हैं।
मानिटरिंग नहीं होने से घटिया निर्माण
गौरतलब है कि अमोली खडका नाला पर उच्च स्तरीय ब्रिज का निर्माण कार्य पी.एस.कट्रक्शन के सब ठेकेदार ईमरान खान के द्वारा करवाया जा रहा हैं। जिसकी लागत 307.19 लाख रूपये हैं। वहीं दूसरे ब्रिज का खडका नाला के आगे बोदालझोला के समीप में जय श्री कट्रक्शन का काम चल रहा है। जिसकी लागत 313.16 लाख रूपये हैं। उक्त निर्माण कार्य की अधिकारियों की मानिटरिंग न होने से संबंधित ठेकेदार मापडंडों के अनुरूप कार्य न करते हुए मनमानी कर रहे हैं। जिनमें उसी जगह के नदी नालों से रेत उत्खनन कर उपयोग में ला रहा हैं जो घटिया किस्म की मिट्टी उक्त हैं। अति नक्सल क्षेत्र होने से विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मानिटरिंग नही कर रहें हैं। जिसका फायदा ठेकेदार उठा रहा हंै।
इनका कहना हैं
अमोली खडका नाला पर उच्च स्तरीय ब्रिज और उसके आगे ब्रिज के निर्माण कार्य में मिट्टी युक्त रेत डाला जा रहा है तो कार्रवाई जरूरी होगी।
गजेन्द्र लारिया,महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण बालाघाट