
Muslims gave note to BJP,what will they vote for now
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल कुंदरकी विधानसभा के उपचुनाव पर सबकी नजर है। बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह को मुस्लिम समुदाय ने नोटों से तौला था। क्या वो अब वोट भी देंगे। बीस लाख रुपए रामवीर सिंह को दिये थे।
सपा का मुकाबला बीजेपी से
कुंदरकी मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट बीजेपी 1993 में सिर्फ एक बार जीती थी। लेकिन मुस्लिम वोटरों की वजह से सपा ने अब यहां अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है। जिसे बीजेपी इस बार उसके अस्त्र से ही उसे मात देने में लगी है। सिर्फ बीजेपी को छोड़कर सभी ने मुस्लिम प्रत्याश उतार रखे हैं। बीजेपी का मुख्य मुकाबला सपा के हाजी रिजवान से है।
मुस्लिम वोटरों पर फोकस
मुस्लिम बहुल सीट होने के चलते कुंदरकी जीतना बीजेपी के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। बीजेपी इस बात को जानती है कि कुंदरकी सीट पर महज हिंदू वोटों के बदौलत जीत दर्ज नहीं की जा सकती है। ऐसे में तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे ठाकुर रामवीर सिंह ने शुरू से ही मुस्लिम वोटों पर फोकस रखा है। सिर पर टोपी लगाकर और पूरी तरह मुस्लिम अंदाज में रामवीर सिंह गांव.गांव घूमकर वोट मांगते हुए दिखे तो मुस्लिम समाज ने भी उन्हें सिर आंखों पर बैठाए रखा।
वजन के बराबर तौले नोट
बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर के दो वीडियो सामने आए हैं। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में मूंढापांडे गांव मुस्लिम बहुल हैं। रामवीर ठाकुर यहां एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंच पर इलेक्ट्रॉनिक कांटा लगाकर पहले रामवीर का वजन किया। फिर एक बक्से में भरकर उनके वजन के बराबर नोट तौले।ये रुपए मुस्लिम समाज के लोगों ने आपस में चंदा करके इकट्ठाठा किए था। मूंढापांडे गांव में जनसभा संबोधित कर रामवीर सिंह जैसे ही मंच से नीचे उतरे तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शगुन के तौर पर उन्हें पैसे भी दिए। किसी ने 100 तो किसी ने 500 का नोट बीजेपी प्रत्याशी को जेब से निकालकर दिया।
कुंदरकी सीट का समीकरण
कुंदरकी विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है। मुस्लिम वोटर 62 फीसदी हैंए जो डेढ़ लाख के करीब हैं। कुंदरकी में 40 हजार के करीब तुर्क मुसलमान हैं। जबकि 1 लाख 10 हजार के करीब अन्य मुस्लिम जातियां है। इसके अलावा 18 फीसदी के करीब दलित और बाकी अन्य हिंदू वोटर है। हिंदू वोटों में ठाकुर सबसे ज्यादा है और उसके बाद सैनी समुदाय के लोग हैं। सपा और बसपा यहां पर मुस्लिम वोंटों के बदौलत ही जीत दर्ज करती रही है।बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती जीत दर्ज करने की है, जो बिना मुस्लिम वोटों के संभव नहीं है।
मुसलमानों का दबदबा
कुंदरकी में मुस्लिम सियासत पर तुर्क मुसलमानों का ही दबदबा रहा है। इस बार के चुनाव में भी सपा, बसपा और ओवैसी ने तुर्क मुस्लिम को उम्मीदवार बना रखा है। जिसके जवाब में बीजेपी राजपूत मुस्लिमों को साधने में लगी है।बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह ठाकुर ने मुस्लिम राजपूत बिरादरी में सेंधमारी के लिए हर दांव चला है। इस सीट से लगातार किस्मत आजमा रहे रामवीर अपने आप को ठाकुर होने की दुहाई दे रहे हैं। और मुस्लिमों के प्यार पर भरोसा जता रहे हैं। सवाल यह है कि क्या वोट में भी मुस्लिमों का प्यार बदलेगा।