
Mohans government reduced the number of works in mamrega
बालाघाट। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योंजना मनरेगा अब मजदूरों से दूर होती जा रही है। मजदूरों को न काम मिल रहा है और न ही समय पर भुगतान हो रहा है। प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत होने वाले कार्यो की संख्या में कटौती कर दी है। जिससे मनरेगा के प्रति लोगों का विश्वास घटता जा रहा है। ज्यादातर सरकारी काम काज अब मशीन के जरिये हो रहे हैं। जबकि मनरेगा के तहत मेड़ बंधान,नहर का गरीकरण, तालाब,सड़क,स्टाप डेम,पुलिया,वृक्षारोपण आदि कार्य होते आए हैं।
मनरेगा मे कार्यो की संख्या घटी
मनरेगा के तहत जाॅबकार्ड धारी स्थानीय ग्रामीण लोगों को राजेगार मिलते आया है।लेकिन पिछले एक साल से मनरेगा में कई कामों पर रोक लग गयी है। जिससे लोगो को पंचायतो के माध्यम से पर्याप्त काम नही मिल रहा है और अब लोग महानगरो की ओर पलायन करने को मजबूर है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना प्रारंभ होने के साथ ही सम्पूर्ण देश मे 266 अनुमत कार्य प्रारंभ हुए थे।किंतु गत बीते वर्ष जुलाई 2024 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पत्र जारी करते हुए 266 अनुमानित कार्यो में से केवल 24 कार्यो को ही नियमानुसार अनुमति जारी हुई है। जिससे सम्पूर्ण ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य प्रभावित हुए है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए विधायक प्रतिनिधि अनीस खान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जानकारी से आवगत कराया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चैहान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र लिखकर बात केंद्रीय मंत्रालय तक पहुँचाई और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अधिक से अधिक कार्य प्रारंभ करने व मजदूरों को अधिक कार्य देने की बात कही है।
बेरोजगार की गारंटी
पत्र में कहा गया है कि आप लम्बे समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे है। आपको जानकारी है कि 2006 के बाद से रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रचलित कार्यों ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये हैं। आदिवासी अंचलों से मजदूरों का पलायन रूका है। कोरोना काल में इस योजना ने ग्रामीणजनों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रदेश में 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 22 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोक निवासरत हैं। रोजगार गारंटी से लाभांवित वर्गों में वंचित समुदाय की बड़ी मात्रा में हिस्सेदारी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराने के लिये इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार सराहा गया है। योजना प्रारंभ से अभी तक प्रदेश में हुए लाखों कार्यों ने ग्रामीण क्षेत्र का नक्शा बदल दिया है।
मजबूरी है पलायन करना
पांढरवानी सरपंच की माने तो भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 266 कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। परन्तु मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक जुलाई 2024 को जारी आदेशानुसार 266 में से मात्र 24 कार्य ही मनरेगा योजना में कराये जाने के निर्देश दिये गये है। मनरेगा में कार्यो की संख्या कम होने की वजह से अब मजदूर पलायन करने को विवश है।