
Modi told trump bluntly at the behest of pakistan
राष्ट्रमत न्यूज,नई दिल्ली(ब्यूरो)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 7 अगस्त से 25 फीसदी आयात शुल्क लागू कर दिया है। इसके अलावा रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर27 अगस्त से 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की भी घोषणा की गई है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप के इन कदमों ने अमेरिका और भारत के रिश्तों को दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर ला दिया है। दूसरी तरफ भारत ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसलों को लेकर सख्त रुख अपनाने के संकेत दे दिए हैं।

PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच 17 जून को फोन पर 35 मिनट बातचीत हुई थी, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत ज्यादा खराब हो गए। यह दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई थी, जब ट्रम्प कनाडा में G7 समिट से जल्दी निकल गए। मोदी और ट्रम्प के बीच मुलाकात होने वाली थी, लेकिन ये नहीं हो पाई।इसके बाद दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें मोदी ने ट्रम्प को साफ कह दिया था कि सीजफायर पाकिस्तान की अपील पर हुआ, न कि अमेरिकी दखल से। मोदी ने यह भी कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं करेगा।
ट्रम्प के न्योते को ठुकरा दिया
भारत को ट्रम्प की पाकिस्तान के नागरिक नेताओं से मिलने पर कोई खास आपत्ति नहीं थी, लेकिन एक फौजी जनरल खासकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस बुलाया जाना भारत को ठीक नहीं लगा। भारत ने इसे एक ऐसी सेना को वैधता देने की कोशिश माना, जो लोकतंत्र के रास्ते में हमेशा बाधा बनती रही है।मोदी को यह आशंका भी थी कि ट्रम्प शायद उनकी और जनरल मुनीर की कोई बैठक करवाने की कोशिश कर सकते हैं। इसी वजह से उन्होंने कनाडा से लौटते समय वॉशिंगटन में रुकने के ट्रम्प के न्योते को ठुकरा दिया।