
Modi government is insulting sanatan dharma- munjare
बालाघाट। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि आज के नेताओं में सत्ता का लोभ सवार है। ऐसा लगता है हमारा देश पुनः गुलामी महसूस कर रहा है। मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन का दावा कर रही है। राम के नाम पर राजनैतिक रोटीयां सेंकी जा रही है। सड़कों पर राम जी, हनुमान जी की रंगोली बनवाई जाती है, और फिर उसे पैरों तले रौंदा जाता है। ये खुद को सनातनी बताकर, ढोंग वाली गतिविधियां कराते है। सनातन धर्म का मोदी सरकार खुला अपमान करा रही है। सनातन धर्म सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा देता है।मन में देश हित, मानव हित, और समाज हित के प्रति सुविचार होना चाहिये। लेकिन इन्हें यह तक पता नहीं होगा कि सनातन का नाम सबसे पहले किसने दिया था।
मर्यादा में रहकर दिखाओ
सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता में यह बात पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कही। उन्होंने कहा कि सनातन का नाम सबसे पहले गौतम बुद्ध ने दिया था। आज भी दुनिया के कई देश भगवान बुद्ध को मानते हैं। मोदी जब भी विदेश जाते हैं तो कहते हैं कि मैं बुद्ध की धरती से आया हूं। वे वहां कभी राम की धरती से आया हूं, नहीं कहते। कह भी नहीं सकते। मोदी सरकार में राम के नाम पर झूठा आडंबर फैलाया जा रहा है। तभी तो कई शंकराचार्यो ने समय से पूर्व राममूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया और विरोध किया। क्योकि मोदी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए जल्दबाजी में राम की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी। आज भाजपा, आरएसएस और विहिप धर्म की ठेकेदारी चला रहे हैं। दम है तो राम के वचनों पर चलकर दिखायें। वे मर्यादा पुरूष थे,तुम मर्यादा में ही रहकर दिखाओ। ऐसे में कैसे भारत विश्व गुरू बनेगा। मुंजारे ने कहा कि देश में प्रकृति का दोहन हो रहा है। जबकि सनातन का मतलब होता है प्रकृति की रक्षा करना।
सुभाष चन्द्र को भूलते जा रहे हैं
मुंजारे ने सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर कहा कि मुझे सुभाषचंद बोस के घर जाने का सौभाग्य मिला था। उन्होने देश को आजाद करने के लिये क्रांतिकारी लड़ाई लड़े थे। इसलिये वे महान वीर सपूत के रूप में सदैव याद किये जाते है। उन्होंने अंग्रेजों को खदेड़ने के लिये अकेले ही आजाद हिंद फौज का गठन कर लिया था और नारा दिया था।तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा। इस नारे से प्रभावित होकर ही लोगों ने उन्हे भरपूर सहयोग दिया था। आज उनके बलिदान को धीरे धीरे भूलाया जा रहा है। एक विशेष अवसर पर ही क्रांतिकारी नेता याद किये जाते हैं। लेकिन उनके मूल सिद्धांतो को कोई याद नही रखता।