
Mock drill to protect against attack before war
नई दिल्ली(ब्यूरो)। देश के 75 फीसदी लोग चाहते हैं कि भारत पहलगाम आतंकी हमला का बदला पाकिस्तान से ले। युद्ध होगा या नहीं,लेकिन केन्द्र सरकार हर राज्य में युद्ध होने की स्थिति में बचाव के तरीकों की माॅक ड्रिल करा रही है। कई राज्यों में माॅक ड्रिल का अभ्यास कराया जा रहा है। संभवतः यह सभी राज्यों के बड़े शहरों में कुछ दिनों बाद उसके बाद हर जिले में होंगे।
मॉक ड्रिल कराने के आदेश
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के बीच बुधवार (7 मई) को देश के 244 इलाकों में युद्ध के दौरान बचाव के तरीकों की मॉक ड्रिल होगी। गृह मंत्रालय ने इन इलाकों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर लिस्ट किया है। ये सामान्य प्रशासनिक जिलों से अलग हैं।सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। गृह मंत्रालय ने 5 मई को सभी राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के आदेश जारी किए थे।दिल्ली में गृह मंत्रालय में आज हुई हाईलेवल मीटिंग में मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर मौजूद थे।
जिलों से अलग हैं सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को मॉक ड्रिल वाले जिलों की लिस्ट जारी की। इनमें राज्यवार संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को कैटेगरी-1 से 3 के बीच रखा गया है।दरअसल, मिनस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने देश के कुल 35 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए हैं। जरूरी नहीं ये सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट सामान्य एडमिनिस्ट्रेटिव डिस्ट्रिक्ट हों। जैसे -उत्तर प्रदेश में कुल 19 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट बनाए गए हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव जिले भी हैं, और बक्शी-का-तालाब, सरवासा जैसे इलाके हैं जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन मौजूद है।
कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट
कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को इनके इंपोर्टेंस या सेंसेटिविटी के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी 1 में वो डिस्ट्रिक्ट हैं जो सबसे सेंसेटिव हैं। ऐसे कुल 13 डिस्ट्रिक्ट हैं। जैसे- उत्तर प्रदेश में केवल 1 डिस्ट्रिक्ट – बुलंदशहर कैटेगरी 1 में है क्योंकि यहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट मौजूद है। इसी तरह कैटेगरी 2 में 201 जबकि कैटेगरी 3 में 45 डिस्ट्रिक्ट हैं।
सायरन बजते ही जमीन पर लेटे लोग
लखनऊ में पुलिस लाइंस में सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए और हाथों से अपने दोनों कान बंद कर लिए। गोली लगने या हमलों के दौरान क्या किया जाए, इसकी ट्रेनिंग भी सिविलियंस को दी गई। सिविलियंस को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की भी ट्रेनिंग दी गई। हमले के दौरान आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए, गोली लगने और विस्फोटों से घायलों को कैसे बचाया जाए। इसकी भी वॉलंटियरों को जानकारी दी गई।