
Maulana , who marries,will get only rs 1100
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में निकाह पढ़ाने वाले मौलवी या मौलाना अब मनमाने तरीके से नजराना नहीं ले सकते। इसलिए कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने आदेश जारी कर दिया है कि 1100 से ज्यादा नहीं ले सकते। बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ सलीम राज को शिकायत मिली कि मौलाना या मौलवी निकाह के लिए मनमाने राशि मांगने लगे हैं। डाॅ सलीम राज ने यह आदेश सभी वक्फ संस्थाओं मस्जिद,मदरसा दरगाह के मुतवल्लियों को भेजा है।

बहुविवाह की इजाज़त दी गई
शरीयत के मुताबिक, निकाह एक समझौता है। इसके लिए लड़का-लकड़ी दोनों की अनुमति होना जरुरी है। इसमें लड़की को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के लिए मेहर का प्रावधान है। शरीयत और मुस्लिम पर्सनल लॉ 4 शादियों की मंजूरी देता है।इस्लाम में बहुविवाह की इजाजत के निर्देश कुरान में 7वीं सदी में शामिल किए गए थे। उस समय अरब में जब कबीलों की लड़ाई में बहुत से पुरुष कम उम्र या जवानी में ही मारे गए थे, तब उनकी विधवा पत्नी और बच्चों की देखभाल के लिए बहुविवाह की इजाज़त दी गई, जो आज भी कानून के हिसाब से लागू होती है।