
Mauganj scandal -family said that police murdered
मऊगंज। मध्यप्रदेश के मऊगंज के गडरा गांव में एक बंद कमरे में पिता,पुत्र और बेटी का शव फांसी पर मिलने के बाद से गांव का माहौल बदला हुआ है। गांव वालों का आरोप है कि पुलिस ने मार कर तीनों का फांसी पर लटका दिया। जब तक मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश नहीं होगा मृतकों को अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े रहे।इसके अलावा एसडीओपी अंकिता सूल्या को हटाने की मांग को प्रशासन ने मानते हुए उन्हे आईजी आफिस में अटैच कर दिया है वहीं कलेक्टर संजय जैन ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच की बात कही।
एंबुलेंस को गांव वाले घेर लिये
शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एंबुलेंस से शव लेकर गांव पहुंचे तो परिजन और गांव के लोग एंबुलेंस को घेर लिया। मृतक का बेटा पवन गांव वालों के साथ सीबीआई जांच की मांग को लेकर अड़ गया। सूचना मिलने के बाद कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप जैन मौके पर पहुंचे। पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना के बीच कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप जैन के काफी देर तक समझाने के बाद परिजन और गांव वाले अंतिम संस्कार के लिए माने। चार बजे अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन पीएम के बाद भी यह अभी पता नहीं चला कि तीन मौत की वजह क्या है और कैसे हुई।
अंकिता पर गंभीर आरोप
परिजन और गांवों वालों का एसडीओपी अंकिता सूल्या पर गुस्सा ज्यादा दिखा। सबका एक स्वर में कहना था कि अंकिता को निलंबित किया जाए।सबका आरोप था कि एसडीओपी अंकिता और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल छीन लिया था। घर के अंदर भी घुसने नहीं दिया।
फंदे पर मिले थे तीन शव
बता दें कि गडरा गांव में शुक्रवार को औसेरी साकेत 55 उसकी बेटी मीनाक्षी 11 और बेटे अमन 8 के शव घर में फंदे पर मिले थे। शव पूरी तरह सड़ गयी थी। मृतक के परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने तीनों को मार कर शव को फांसी पर लटका दिया।
घर में घुसकर मारती थी पुलिस
कुसुमकली ने बताया जेठ और उनके बच्चों के शव मिलने के पीछे जो बात है वो पुलिस नहीं बता रही है। हम दो किलोमीटर दूर रहते हैं। यहां गांव में 15 मार्च को विवाद हुआ था। इसके बाद से कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा था। गांव में जो पुलिस तैनात थी वो लोगों को घर में घुसकर मारती थी। महिलाओं को भी पीटा जाता था। पुलिस ने जेठ से भी मारपीट की थी।
पुलिस ने फांसी पर लटका दिया
मृतक औसेरी के परिजन रामकली साकेत ने कहा पुलिस कहती थी कि किसी के घर मत जाना। किसी को अपने पास मत बैठाना। हम तुम्हारी सुरक्षा करेंगे। सुरक्षा की बात करने वाली पुलिस ने हिंसा के बाद घर में घुसकर लोगों को पीटा है। छोटे- छोटे बच्चों को उठाकर खेत में फेंक देते थे। रात में पुलिसवाले घर में घुसकर महिलाओं को मारते थे। कुंडी लगाकर पीटा है।
पुलिस बल का पहरा
दरअसल इसी गांव में 15 मार्च को एक युवक सनी द्विवेदी की आदिवासियों ने पीट- पीटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद हुई हिंसा में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई थी। 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। तब से गांव में पुलिस बल तैनात हैं।