
Match the sickle cell card not a horoscope before marriage
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)।जनजातीय समुदाय में अनुवांशिक सिकलसेल बीमारी बहुतायत में पाई जाती है। इस बीमारी के रोकथाम के लिये बच्चों के विवाह से पहले जिस तरह कुण्डली मिलाई जाती है उसी तरह बच्चों के सिकलसेल कार्ड का मिलान करना चाहिये। यदि लड़का और लड़की दोनों सिकलसेल के वाहक हैं तो उनकी आपस में शादी न करायें। यह बात राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने 21 अगस्त को बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के एकलव्य विद्यालय परिसर बैहर में आयोजित महाआरोग्य शिविर के शुभारंभ अवसर पर कही।इस अवसर पर मप्र शासन के जनजातीय कार्य विभाग मंत्री डाॅ कुंवर विजय शाह समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन और आमजन मौजूद रहे।
राज्यपाल ने भोजन किया
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने बिरवा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी इमला बाई मरकाम के घर पारंपरिक आदिवासी भोजन किया। राज्यपाल ने इमला बाई के घर कोदो का भात, कुटकी की खीर, चेच भांजी, चिरोटा भाजी, करील की सब्जी, भोंडो पीहरी की सब्जी और बाजरे की रोटी खाई। इस दौरान उनके साथ जनजातीय कार्यमंत्री डॉ. कुंवर शाह, सांसद भारती पारधी, विधायक राजकुमार कर्राहे समेत कई स्थानीय नेता और अधिकारी मौजूद थे।
उज्ज्वला, ड्रोन दीदी की सराहना
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने मोदी सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं जैसे उज्ज्वला, ड्रोन दीदी और आयुष्मान योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही हैं। कार्यक्रम में राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सिकल सेल के मरीजों को प्रमाण पत्र दिए। इसके अलावा उन्होंने दिव्यांगों और बुजुर्गों को सहायक उपकरण भी वितरित किए।महा आरोग्य शिविर में डॉक्टरों ने लोगों की जांच की और उन्हें मुफ्त दवाएं दीं। राज्यपाल का यह दौरा न सिर्फ सरकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभाव को देखने के लिए था, बल्कि इससे आदिवासी संस्कृति और परंपरा को भी सम्मान मिला।
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