
Manrega will important in strengthening rural economy

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में मनरेगा कार्यों को सर्वोच्च गुणवत्ता और निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि अधिकतम ग्रामीण परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सके।
लक्ष्य केवल रोजगार देना नहीं
मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से गांवों में धरसा पहुंच मार्ग निर्माण और अमृत सरोवर परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, जिससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती मिले और जल संरक्षण को बढ़ावा मिले। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों को आत्मनिर्भर बनाना है। मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लागू किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि यह योजना गरीबों के सशक्तिकरण में एक मजबूत आधार बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा को अन्य योजनाओं से जोड़कर ग्रामीण विकास की गति तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।
गहन समीक्षा की गई
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 की प्रगति, लेबर बजट 2025-26, योजना के प्रमुख इंडिकेटर्स और अभिसरण (कॉन्वर्जेंस) मॉडल पर गहन समीक्षा की गई। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
मनरेगा आयुक्त श्री रजत बंसल ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 38.52 लाख पंजीकृत परिवारों में से 24.89 लाख परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया है।अमृत सरोवर योजना के तहत 2,902 जलाशयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 1,095 स्वीकृत हो चुके हैं, 299 पूर्ण हो चुके हैं, और 472 पर कार्य प्रगति पर है।