
Liquor scam case- bhupesh baghel decided to go to jail like kejriwal
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराब घोटाला में जेल में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। शराब नीति में अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री का हाथ था,इससे इंकार नहीं किया जा सकता। सवाल यह उठता है कि भूपेश बघेल अब तक क्यों बचे रहे। उनका मंत्री शराब घोटाले में अंदर है। सब कुछ मुख्यमंत्री की जानकारी में होता है। तीन हजार करोड़ शराब घोटाला में मुख्यमंत्री की सहभागिता से इंकार कैसे किया जा सकता है?
सहयोग का आश्वासन दिया
शराब-कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED), आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच के दायरे में आए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। गिरफ्तारी से बचने से बघेल ने सुप्रीम कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। अपनी याचिका में उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
चैतन्य बड़ा हिस्सा लेते थे
भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य बघेल पर शराब घोटाला में बड़ा हिस्सा लेने का आरोप है।महादेव ऐप मामले में शामिल होने का आरोप है। शराब कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में शामिल होने का आरोप है। यही आरोप भूपेश बघेल पर भी लगते आए हैं। प्रवर्तन निदेशालय आर्थिक अपराध शाखा और केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच के दायरे में आए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी से बचने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। अपनी याचिका में उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
भूपेश ने आशंका जाहिर की
दायर याचिका में पूर्व सीएम ने कहा कि जैसे उनके बेटे चैतन्य बघेल को राजनीतिक द्वेष में फंसाकर गिरफ्तार किया गया वैसे ही उन्हें भी टारगेट किया जा सकता है। बघेल का कहना है कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ऐसी दलील को स्वीकारता नहीं। ईडी और ईओडब्ल्यू की फाइल देखे बगैर भूपेश बघेल की याचिका पर विचार करेगा इसकी संभावना कम है। इसलिए कि सुप्रीम कोर्ट शराब घोटाले में किसी को भी अग्रिम जमानत नहीं दिया है।
सुप्रीम कोर्ट और याचिका
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका को सुप्रीम कोर्ट इस आधार पर खारिज कर सकता है कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। ईडी और ईओडब्लयू ने गिरफ्तारी का क्या आधार बनाया है,हमें जानकारी नहीं है। कोई फाइल नहीं है। इस मामले में कवासी लखमा सहित अन्य दर्जन भर लोग पहले से जेल में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का भी नाम शराब नीति में नहीं था, फिर भी उनकी गिरफ्तारी हुई। इसलिए कि सारे सरकारी काम मुख्यमंत्री की जानकारी में ही होते हैं। इसलिए केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत नहीं दिया था। शराब घोटाले में फंसे 22 आबकारी अधिकारी भी जेल जा सकते हैं। उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट यह कह सकता है कि पहले ट्रायल कोर्ट जाइये आप गलत तरीके से यहां आ गए।
चैतन्य का अपना तर्क
शराब घोटाला मामले में जेल में बंद भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई है। चैतन्य की याचिका में कहा गया है कि न तो उनका नाम ईडी के एफआईआर में है और न ही किसी गवाह के बयान में फिर भी उन्हें राजनीतिक मकसद से गिरफ्तार किया गया है।
भूपेश बघेल के घर पड़ा था ED का छापा
बता दें कि शराब घोटाला मामले में 5 महीने पहले ED ने पूर्व CM भूपेश बघेल के घर छापेमारी की थी। यह जांच करीब 10 घंटे तक चली। टीम के जाने के बाद खुद पूर्व सीएम ने बताया था कि, 32-33 लाख रुपए और दस्तावेज टीम ले गई है।सुबह 8 बजे भूपेश और उनके बेटे चैतन्य के भिलाई-3 पदुमनगर स्थित घर पर 4 गाड़ियों में ED की टीम पहुंची थी। दोपहर में कार्रवाई के बीच नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें भी मंगाई गई। इस बीच ED की कार पर बाहर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। कार्यकर्ताओं और पुलिस की झड़प भी हुई थी।
14 जगहों पर छापे पड़े थे
इसी दिन भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापे पड़े थे। 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाने का दावा किया गया। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई थी।
एक महीने बाद CBI ने मारी थी रेड
वहीं, ED के छापे के एक महीने बाद, महादेव सट्टा एप को लेकर भूपेश बघेल के घर CBI ने छापा मारा था। इस दौरान पूर्व सीएम के 2 OSD रहे आशीष वर्मा और मनीष बंछोर, उनकी पूर्व सचिव सौम्या चौरसिया के घर भी रेड पड़ी थी। CBI की टीम डिजिटल और हार्ड कॉपी जब्त कर अपने साथ ले गई थी।वहीं रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और 4 IPS अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल के घर पर भी रेड हुई। साथ ही ASP संजय ध्रुव और दो सिपाही नकुल-सहदेव के घर भी टीम ने दबिश दी। इसके अलावा प्रशांत त्रिपाठी के यहां भी CBI ने छापेमारी की थी।