
Liquor scam case arrest of former minister kawasi decided
रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला में ईडी को जांच में कवासी लखमा के खिलाफ ऐसे कई सबूत मिले हैं जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी तय है। जांच में पहले पता चला कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रति ‘केस’ के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती थी। कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिलाता था। ईडी को उन्हे गिरफ्तार करने के लिए यही सबूत काफी है।
सुशील ओझा विदेश यात्रा पर
गौरतलब है कि चुनाव के समय कवासी लखमा कहा करते थे कि बीजेपी वाले प्रोपोगंडा ज्यादा करते हैं। मेरे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। शराब घोटाला जो किये हैं वो जानें। मैं कुछ नहीं किया हूं। ईडी को मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिलने वाला। हालांकि अब लखमा ने मीडिया से कहा है कि, मैं 3 जनवरी को ED के दफ्तर जाऊंगा।जब कवासी लखमा मंत्री थे, उनकी गाड़ी में हमेशा सुशील ओझा उनके साथ घूमा करता था। ये कांग्रेस में प्रदेश प्रतिनिधि के पद पर है। ED ने रायपुर स्थित इनके घर पर छापा मारा था। लेकिन ओझा विदेश यात्रा पर हैं।
लखमा ने कहा जब ED वाले आए थे
कवासी लखमा ने कहा कि, जब ED वाले आए थे, तो मेरे से कागज मांग रहे थे, कागज सब गांव में था। समय मांगा था। जो जो कागज मांग रहे वो दूंगा। हर आदमी को कानून का सम्मान करना चाहिए। मैं भी सम्मान करूंगा। जब भी बुलाएंगे जाऊंगा। मैं सच्ची बात करूंगा। मैं सच्चा आदमी हूं। मैं राजनीतिक मुद्दों और मीडिया के सवालों पर जवाब अभी नहीं दूंगा। नियम कानून का सम्मान करता रहूंगा।
ED ने कवासी की कार की तलाशी ली
28 दिसंबर 2024 को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा। रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में टीम पहुंची। पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली। कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर, सुकमा जिले में हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई।
आपत्तिजनक रिकॉर्ड मिले
ईडी ने X पर लिखा कि, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया।ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।
क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
लखमा के रायपुर और सुकमा के ठिकानों की हुई थी जांच, ED के अधिकारियों ने गाड़ी से भी डॉक्यूमेंट निकाले।
कवासी को 2161 करोड़ कमीशन मिला
निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है ।
- 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई।
- डिस्टिलर्स से रिश्वत : सीएसएमसीएल यानी शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय द्वारा उनसे खरीदी गई शराब के प्रति ‘केस’ के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली जाती थी।
- बिक्री की सारी रकम सिंडिकेट ने हड़प ली बेहिसाब “कच्ची ऑफ-द-बुक” देशी शराब की बिक्री हुई। इस मामले में सरकारी खजाने में एक भी रुपया नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी रकम सिंडिकेट ने हड़प ली। अवैध शराब सरकारी दुकानों से ही बेची जाती थी।
- विदेशी शराब के क्षेत्र में: शराब बनाने वालों से रिश्वत लेकर उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी दिलाने के लिए रिश्वत ली जाती थी। एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन ली गई जिन्हें विदेशी शराब के क्षेत्र में कमाई के लिए लाया गया था।