
रांची।(रश्मि शर्मा )। पूर्व डीएसपी नवनीत हेम्ब्रोम का नाम बीजेपी की पहली सूची में होने के बाद भी मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया। महेशपुर विधान सभा सीट से उन्होंने अपना नामांकन 29 अक्टूबर को दाखिल करना जरूरी था। अंत में उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। तब हेम्ब्रोम ने चुनाव आयोग को पत्र लिख। चुनाव आयोग के दखल के बाद नवनीत का हेम्ब्रोन का इस्तीफा 28 अक्टूबर को मंजूर हुआ।
उच्च अधिकारी लटकाए रहे
झारखंड पुलिस से नवनीत हेम्ब्रोम ने 15 जून को डीएसपी पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा मंजूर न किए जाने से किसी भी सरकारी अधिकारी के चुनाव लड़ने की संभावना कम हो जाती है। इस्तीफों से संबंधित झारखंड पुलिस मैनुअल के नियम 808 में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा दिया जाने वाला हर इस्तीफा लिखित होगा। जिस पर आवेदन करने वाले व्यक्ति के साइन होने चाहिए। पुलिस अधिनियम की धारा 8 के तहत उन्हें कार्यमुक्त होने के लिए दो महीने का नोटिस देना होता है। लेकिन उच्च अधिकारी उन्हें पहले भी कार्यमुक्त कर सकते हैं।
झारखंड हाई कोर्ट का रुख
बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद में हेमब्रोम ने झामुमो के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना इस्तीफा मंजूर करवाने के लिए कई बार कोशिश की। जब सरकार ने उन्हें पदमुक्त नहीं किया। उन्होंने अगस्त में हाई कोर्ट का रुख किया। 4 सितंबर को हेम्ब्रोम की याचिका का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन ने आईजीपी को आदेश दिया कि वे चार हफ्ते के अंदर पुलिस मैनुअल के नियम 808 को ध्यान में रखते हुए कानून के मुताबिक एक औपचारिक आदेश पारित करें।
हेमंत सोरेन के पास फाइल
डेढ़ महीने तक सरकार ने हेमब्रोम का इस्तीफा मंजूर नहीं किया। इसकी वजह से उन्हें 18 अक्टूबर को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी। अगली सुनवाई यानी 25 अक्टूबर को वकील ने कोर्ट को बताया कि यह फाइल सीएम हेमंत सोरेन के पास पेंडिंग है और जल्द ही रिलीविंग आर्डर जारी कर दिया जाएगा। लेकिन 28 अक्टूबर की सुबह तक हेमब्रोम रिलीव नहीं हुए।
चुनाव आयोग को लिखा पत्र
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हेमब्रोम ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा। चुनाव आयोग ने उसी दिन झारखंड के चीफ इलेक्टोरल आफिसर को पत्र लिखा। चुनाव आयोग ने झारखंड सचिव को 28 अक्टूबर तक रिपोर्ट भेजने को कहा। इसके बाद मामला सुलझा। हेमब्रोम का मुकाबला दो बार के जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी से है। 2019 के चुनाव में मरांडी ने बीजेपी के मिस्त्री सोरेन को 34000 वोटों से हराया था।