
So we will build houses for government employees at cheap rates
नई दिल्ली (ब्यूरो)।दिल्ली चुनाव से 25 दिन पहले एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ सकती है। दिल्ली शराब नीति पर अब कैग की रिपोर्ट आ गई है। दिल्ली सरकार की अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति पर कैग यानी नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई हैं।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इससे सरकारी खजाने को 2026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।कथित शराब घोटाले का क्या असर हुआ। यह दिखाने के लिए यह आंकड़ा पहली बार पेश किया गया है।यहां बताना जरूरी है कि यह भाजपा का दावा है कि यह कैग रिपोर्ट है।
कैग की रिपोर्ट और चुनाव
भाजपा जिसे कैग रिपोर्ट बता रही है, उसमें दावा किया गया है कि कुछ बोली दाताओं को तब की अरविंद केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में लाइसेंस तब दिए जब वे घाटे में चल रहे थे। कैग सीएजी रिपोर्ट में एक्साइज पालिसी में खामियां बताई गई हैं। रिपोर्ट में एक्साइज पालिसी लागू करने में बड़ी चूक का जिक्र है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक का असर बीजेपी चुनाव में डालना चाहती है।
रिपोर्ट की मुख्य-मुख्य बातें
रिपोर्ट का दावा
रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि उस समय आबकारी विभाग का नेतृत्व करने वाले मनीष सिसोदिया और उनके मंत्रियों के समूह ने विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजर अंदाज कर दिया।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने में नियमों का उल्लंघन हुआ है। और उल्लंघन करने वालों को जानबूझकर दंडित नहीं किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने कोविड19 प्रतिबंधों के कारण 144 करोड़ रुपये के लाइसेंस शुल्क माफ कर दिए।इससे राजस्व का और नुकसान हुआ।जबकि टेंडर एग्रीमेंट में साफ तौर पर कहा गया था कि अप्रत्याशित घटना के लिए कोई प्रावधान नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिक्योरिटी डिपाजिट गलत तरीके से जमा करने से 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब 5 फरवरी को वोटिंग है। 8 फरवरी को नतीजे आएंगे।