
Keep the data of the workers going out in the panchayats
बालाघाट। जिले की किसी भी पंचायत से अन्य प्रदेशों में काम करने के लिए जाने वाले मजदूरों की पूरी जानकारी का डेटा पंयायतों में रखा जाए। कलेक्टर मृणाल मीना ने श्रम विभाग की जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए बैठक में विभाग और समिति के अशासकीय सदस्यों से जिले की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। अब तक सामने आये प्रकरणों और उनके निराकरण में हुई दिक्कतों से रूबरू हुए।
निरीक्षक रजिस्टर को नियमित देखें
कलेक्टर ने निर्देश दिया कि जिला पंचायत की ओर से एक निर्धारित प्रारूप में डेटा संधारण के लिए पत्र जारी कराए। इसके लिए एक पंजीयन रजिस्टर बनाएं जिसमें बाहर जाने वाले व्यक्तियों का नाम, बाहर जाने का स्थान, काम, कार्य का विवरण, संपर्क नम्बर,किसके माध्यम से गए तथा किनके पास गए इत्यादि की जानकारी रजिस्टर में इंट्री पंचायतों द्वारा की जाएगी। इसके निगरानी विभाग के निरीक्षकों द्वारा इस रजिस्टर का नियमित अवलोकन कर संधारण के सम्बंध में सरपंच और सचिव से आवश्यक समन्वय करेंगे। बैठक में श्रम पदाधिकारी सुश्री दामिनी सिंह और विभाग के निरीक्षक राकेश ठाकरे तथा अशासकीय सदस्य मौजूद रहें।
कई श्रमिक बंधक मुक्त हुए
बैठक में निरीक्षक ठाकरे ने विभाग के श्रम सेवा पोर्टल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभाग के पोर्टल पर बंधक श्रम की सूचना किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन एवं रोजगार में स्वयं श्रमिक शिकायत,जानकारी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 10 बाल श्रम और 19 बंधक श्रमिकों को नांदेड़ से मुक्त कराया गया। वहीं 2022 में बंधक श्रमिक 10 और बाल श्रम में 2 प्रकरणो में सोल्हापुर से मुक्त कराया गया है। बंधक श्रम अधिनियम 1976 के अंतर्गत वर्ष 2021 में 18 श्रमिकों को प्रति श्रमिक 20 हजार रुपये के हिसाब से 2022 में सोल्हापुर से बंधक मुक्त कराने के बाद प्रति श्रमिक 30 हजार रुपये प्रदान किये गए। वहीं महाराष्ट्र के ही गंगाखेड़ से 6 बंधक श्रमिकों को मुक्त कराकर 1 लाख 80 हजार रुपये प्रदान सहायता राशि दी गई।