
Kashmiriis caught with weapons in maharastra
मुंबई।महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र पुलिस और सेना ने संयुक्त ऑपरेशन में हथियार सहित नौ कश्मीरी युवकों को पकड़ा।आशंका है कि ये महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी करने के इरादे से आए थे। पुलिस ने इनके पास से 9 राइफल और 58 जिंदा कारतूस बरामद किया है।
संयुक्त अभियान में पकड़े गए
इन अराजक तत्वों के बारे में सेना को इनपुट मिले थे कि कुछ कश्मीरी युवक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के बहाने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी करने की आशंका से आए हैं। इसके बाद सेना ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर पूर्व में अहमदनगर पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाया और इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
राजौरी के हैं कश्मीरी युवक
पकड़े गए सभी आरोपी जम्मू कश्मीर में राजौरी के रहने वाले हैं। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान शब्बीर मोहम्मद, इकबाल हुसैन गुज्जर 38, मोहम्मद सलीम उर्फ सलीम गुल मोहम्मद 32,मोहम्मद सरफराज नजीर हुसैन 24द्ध, जहांगीर जाकिर हुसैन 28, शहबाज अहमद नजीर हुसैन 33, सुरजीत रमेशचंद्र सिंह, अब्दुल रशीद चिडिया 38, तुफेल अहमद मोहम्मद गाजिया और शेर अहमद गुलाम हुसैन के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक इनमें शेर अहमद, गुलाम हुसैन गिरोह का सरगना है।
अहिल्या नगर में हुई गिरफ्तारी
गुलाम हुसैन गिरोह का शेर अहमद पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के इशारे पर महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी के इरादे से अहिल्या नगर पहुंचा था।पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों की गिरफ्तारी से एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। आरोपियों ने बड़ी चालाकी से काम किया। आरोपियों ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी का हवाला देते हुए 50-50 हजार रुपये खर्च कर फर्जी लाइसेंस बनवाया। इसके बाद हथियार खरीदा था। हथियार खरीदने के बाद सभी लोग अहिल्यानगर में श्रीगोंडा, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे आदि में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने लगे। और चुनाव में गड़बड़ी करने के लिए उचित समय का इंतजार करने लगे।
आरोपियों का नेटवर्क
पकड़े गए सभी कश्मीरी युवकों के बारे में पुलिस इनका सिक्योरिटी गार्ड का वैरिफिकेशन करा रही है। इस क्रम में पकड़े गए आरोपियों की पहचान और शस्त्र लाइसेंस की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद इन्हें अरेस्ट किया गया। बहरहाल इन सभी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। साथ ही इनके नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है।इसके लिए पुलिस और सेना की गुप्तचर एजेंसी इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद ले रही है।