
Justice yashvant verma will go to allahabad high court
प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों ने विरोध किया था कि जस्टिस यशवंत वर्मा को यहां न भेजा जाए। बार एसोसियेशन ने हड़ताल भी किया था। इलाहाबाद बार एसोसियेशन के अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिला भी था। बावजूद इसके दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर का नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी हो गया है। इलाहाबाद बार एसोसिएशन के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने यशवंत वर्मा के ट्रांसफर का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर न किया जाए, इसके लिए इलाहाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से भी मिले थे।
कॉलेजियम से भी हटा दिया गया था
14 मार्च होली के दिन यशवंत वर्मा के राजधानी दिल्ली में स्थित सरकारी आवास में रात को आग लग गई थी। सूचना पर दमकल आग बुझाने के लिए पहुंची थी। जहां बेहिसाब रुपये देखकर दमकल की आंखें फटी रह गई थीं। इसके बाद वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया था। जिसके बाद जज यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया था। साथ ही उनको कॉलेजियम से भी हटा दिया गया था।
विचार करने की बात कही थी
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने 22 मार्च को तीन न्यायाधीशों की एक समिति गठित की थी। जो जांच कर रही है। वहीं, इलाहाबाद बार एसोसिएशन गुरुवार को संजीव खन्ना से मिला था और यशवंत वर्मा का ट्रांसफर न किए जाने की मांग की थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने दोबारा विचार करने की बात कही थी।बता दें कि यशवंत वर्मा (56) ने 1992 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया था। 13 अक्टूबर 2014 को यशवंत वर्मा इलाहाबाद हाई कोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त हुए थे। 1 फरवरी 2016 को स्थायी जज बने। उनका जन्म इलाहाबाद में 6 जनवरी 1969 को हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बीकॉम किया। इसके बाद मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की थी।