
JPC report on Waqf bord ruckus in parliament
नई दिल्ली (ब्यूरो)। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार संसद के दोनों सदनों में NDA और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट में आपत्तियों को शामिल नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि असहमति नोट के कुछ हिस्सों को अंतिम रिपोर्ट से हटा दिया गया है। लोकसभा में इस रिपोर्ट को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष और BJP सांसद जगदंबिका पाल की ओर से पेश किया गया।
ये असंवैधानिक है
संसद में वक्फ संशोधित बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश करने को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में JPC चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया।इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है।’
जो जोड़ना चाहते हैं जोड़ लें
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।’इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।’
यह लोकतंत्र विरोधी है..
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा JPC रिपोर्ट में, कई सदस्यों की अपनी असहमति रिपोर्ट है। उन नोट्स को हटाना और हमारे विचारों को कुचलना सही नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है… हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे। अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं, तो इसे वापस भेजा जाना चाहिए और फिर से पेश किया जाना चाहिए। कई INDIA गठबंधन के सांसदों ने भी खरगे का समर्थन किया। शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने दावा किया कि हमारे असहमति नोट को हटा दिया गया।
बिल लाए हैं ध्यान भटकाने के लिए
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा- विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए असहमति नोट को वक्फ संशोधन विधेयक में शामिल नहीं किया गया है। सरकार मनमाने तरीके से यह बिल ला रही है। वे ध्यान भटकाने के लिए सत्र के आखिरी दिन रिपोर्ट लेकर आए हैं।