
ISI prepared a spy in india through honey trap
राष्टमत न्यूज नई दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली के सीलमपुर में कबाड़ का कारोबार करने वाले मोहम्मद हारून की दूसरी पत्नी पाकिस्तान में रहती थी। अपनी पत्नी से मिलने के बहाने वो पाकिस्तान आता जाता था। और भारत की गतिविधियों को अपने व्हाटसएप्प के जरिये वहां पहुंचाता था।वहीं तुफैल को ISI ने पाकिस्तानी महिला नफीसा के जरिये हनी ट्रेप में फंसाया।और नफीसा की वजह से वो ISI के शिकंजे में फंसकर भारत विरोधी गतिविधियो में लिप्त हो गया।
देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया
दिल्ली के सीलमपुर में कबाड़ का कारोबार करने वाले मोहम्मद हारून को यूपी ATS ने नोएडा से गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि हारून पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत अधिकारी मुजम्मल हुसैन के संपर्क में था। मुजम्मल को भारत सरकार ने ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया था। ATS के अनुसार, हारून ने अपने कबाड़ के कारोबार की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया। वह पाकिस्तान का वीजा दिलाने के नाम पर लोगों से अवैध धन वसूली करता था और इस पैसे को मुजम्मल के निर्देश पर विभिन्न खातों में ट्रांसफर करता था।
दूसरी पत्नी पाकिस्तान में
ATS की जांच में पता चला कि हारून ने देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मुजम्मल को दी। उसके पास से 2 मोबाइल फोन और 16,900 रुपये नकद बरामद किए गए। हारून की पाकिस्तान से गहरी रिश्तेदारी भी सामने आई है। उसकी दूसरी पत्नी पाकिस्तान में रहती है, और वह नियमित रूप से वहां आता-जाता था। हाल ही में वह 5 अप्रैल को पाकिस्तान गया था और 25 अप्रैल को वापस लौटा। ATS का दावा है कि हारून ने अपनी रिश्तेदारी का फायदा उठाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम किया। हालांकि, हारून के परिवार ने इन आरोपों से इनकार किया है। हारून के भाई का कहना है कि वह केवल अपनी पत्नी से मिलने पाकिस्तान जाता था, जो उनके रिश्तेदार की बेटी है।
व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर करता था
यूपी ATS ने वाराणसी के जेतपुरा निवासी तुफैल मकसूद को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। तुफैल पर आरोप है कि वह भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी 600 से अधिक पाकिस्तानी नंबरों के साथ साझा कर रहा था। जांच में पता चला कि तुफैल का संबंध पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से था। वह इस संगठन के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर करता था। इसके अलावा, वह ‘गजवा-ए-हिंद’, बाबरी मस्जिद के बदले की बातें और भारत में शरिया कानून लागू करने से संबंधित उकसाऊ सामग्री भी प्रसारित करता था।
ISI के जाल में फंसता गया
तुफैल ने राजघाट, नमो घाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला और निजामुद्दीन औलिया जैसे संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और जानकारी पाकिस्तानी नंबरों को भेजी। ATS की जांच में खुलासा हुआ कि तुफैल को ISI ने हनी ट्रैप के जरिए फंसाया था। वह फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तान के फैसलाबाद की रहने वाली नफीसा नाम की महिला के संपर्क में आया, जिसका पति पाकिस्तानी सेना में है। नफीसा के जरिए तुफैल ISI के जाल में फंसता गया और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया।एटीएस की पूछताछ में तुफैल ने देश विरोधी वीडियो और पोस्ट साझा करने की बात स्वीकार की है । उसने व्हाट्सएप ग्रुप में गजवा-ए-हिंद, बाबरी का बदला और शरीयत लागू करने जैसे कट्टरपंथी और उकसाऊ संदेश पोस्ट किए थे। इसके अलावा वो पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो भी शेयर करता था।
जासूसी नेटवर्क पर प्रहार
ATS अब इस बात की जांच कर रही है कि हारून और तुफैल का नेटवर्क कितना बड़ा था और वे किन-किन लोगों के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इसके अलावा, यह भी पता लगाया जा रहा है कि हारून कबाड़ के कारोबार की आड़ में कैसे संवेदनशील जानकारी जुटा रहा था और तुफैल ने किन-किन स्थानों की जानकारी पाकिस्तान को दी। इन गिरफ्तारियों ने एक बार फिर ISI के हनी ट्रैप और जासूसी नेटवर्क की गहरी पैठ को उजागर किया है। सुरक्षा एजेंसियां अब उन सभी लोगों पर नजर रख रही हैं, जो पाकिस्तानी नंबरों या उच्चायोग के अधिकारियों के संपर्क में हो सकते हैं।