
Inhuman maltivitamin patients divided in government hospitals of balaghat
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट (ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के हर जिला अस्पताल और सरकारी अस्पताल में अमानक दवा सप्लाई की गयी है। ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जहां अमानक दवा मरीजों को न दी जा रही हो। बालाघाट के सरकारी अस्पताल में एक लाख अमानक मल्टी विटामिन कैप्सूल मरीजों को दी गयी। लेकिन इस संदर्भ में सीएचएमओ डाॅ परेश उपलव कहते हैं, मरीजों को दी गयी विटामिन से किसी को कोई नुकसान होने की शिकायत किसी ने नहीं की है। यदि ऐसा है तो कंपनी से पत्राचार किया जाएगा। सवाल यह है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्या पत्राचार करेंगे? इसलिए कि अमानक दवा की खरीदी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने की है। पूरे प्रदेश में सात सौ करोड़ से अधिक की अमानक दवा की खरीदी हुई है।
विटामिन कैप्सूल अमानक पाए गए
बालाघाट के सरकारी अस्पतालों में एक लाख मल्टी विटामिन कैप्सूल अमानक पाए गए हैं। ये सभी कैप्सूल मरीजों को बांट दिए गए हैं। दवाएं कोटेक हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, देहरादून से आई थीं।जिले ने 28 मार्च 2024 को एक लाख मल्टी विटामिन की मांग की थी। 21 मई 2024 को बैच नंबर सीएचटी-40426 की दवाएं प्राप्त हुईं। इन दवाओं की एक्सपाइरी सितंबर 2025 थी। ड्रग इंस्पेक्टर स्वप्निल जैन ने 2 सितंबर 2024 को वारासिवनी सिविल अस्पताल से रैंडम सैंपल लिया था।
अमानक इन्जेक्शन लगाया गया
शासकीय औषधि प्रयोगशाला से 14 मई 2025 को आई रिपोर्ट में इन दवाओं को अमानक घोषित किया गया। सीएचएमओ परेश उपलप के अनुसार, दवाओं के साथ पहले मानक होने की रिपोर्ट मिली थी। इसी आधार पर इन्हें वितरित करने की अनुमति दी गई थी। यह जिले का पहला मामला है, जहां इतनी बड़ी मात्रा में दवाएं अमानक पाई गई हैं। राहत की बात यह है कि अब तक किसी मरीज से स्वास्थ्य संबंधी शिकायत नहीं मिली है। वर्तमान में अमानक दवाओं का स्टॉक समाप्त हो चुका है। जिन मरीजों को अमानक मल्टी विटामिन की गोलियां दी गयी है, उनके स्वास्थ्य पर क्या बुरा असर पड़ा यह तत्काल नहीं लेकिन बाद में इसका विपरीत असर होगा।इसलिए कि रीवा में संजय गांधी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को अमानक इन्जेक्शन लगा दिया गया था। जिससे उनकी याददाश्त चली गयी। कुछ लोग पागल हो गयी हैं। बाद में संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक ने स्वीकारा कि गर्भवती महिलाओं को अमानक इन्जेक्शन लगाया गया था।