
मुंबई।(सुशील मिश्रा)। यूपी से निकला बंटोगे तो कटोगे का नारा मुंबई में आकर बंटोगे तो पिटोगे पर आ गया। अखिलेश ने योगी के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जुड़ेंगे तो जीतेंगे। महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर है। जबरदस्त चुनाव प्रचार के बीच नारों को लेकर राजनीतिक माहौल बेहद गर्म हो गया है। मुंबई में अब उत्तर भारतीय बंटोगे तो पिटोगे लिखे पोस्टर लगे हुए हैं। यह पोस्टर उत्तर भारतीय सेना के द्वारा लगाए गए हैं। जाहिर सी बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक छाया हुआ है।
मुंबई के अंधेरी में लगे पोस्टर
इस नारे पर अब देश में जोरदार सियासी बहस शुरू हो गयी है। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के नेता आमने-सामने हैं। इससे पहले मुंबई के अंधेरी ईस्ट बांद्रा और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के आसपास बटेंगे तो कटेंगे के पोस्टर लगे हुए थे।
सियासी बवाल
सर्व विदित है कि मुंबई और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एक वक्त में बाला साहेब ठाकरे की अविभाजित शिवसेना ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ महाराष्ट्र में अभियान चलाया था। उत्तर भारतीयों पर हमले को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में कई बार सियासी बवाल भी हो चुका है। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने यूपी के भइया लोगों पर कहर मचा दिये थे।
लखनऊ में भी पोस्टर वाॅर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिए गए ष्बंटेंगे तो कटेंगे वाले नारे के जवाब में लखनऊ में सपा की ओर से पोस्टर में लिखा है जुड़ेंगे तो जीतेंगे। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगाई गई है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता अमित चैबे ने होर्डिंग लगाया था और इसमें लिखा था कि न बंटेंगे न कटेंगे पीडीए के संग रहेंगे।
मुंबई में यूपी वोटर का जलवा
महाराष्ट्र विशेषकर मुंबई की राजनीति में पिछले कुछ सालों में यूपी और बिहार मतदाताओं की अहमियत बढ़ी है। क्यों कि मुंबई में ही उत्तर भारतीय मतदाताओं की आबादी 22 लाख से ज्यादा है। जाहिर सी बात है कि एक बड़ा वोट बैंक है। साल 2014 के बाद से ही मुंबई में उत्तर भारतीयों के ज्यादातर वोट बीजेपी को मिलते रहे हैं। बीजेपी ने भी पूर्वांचल के प्रवासी मतदाताओं के लिए विशेष छठ पूजा जैसे त्योहारों को धूमधाम से मनाया है।
पोस्टर वाॅर ने ध्यान खींचा
यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक पोस्टर वाॅर ने सबका ध्यान खींचा है। यह अलग बात है कि इस पोस्टर वाॅर ने समाज के दो वर्गो को सोचने के लिए विवश कर दिया है। वो बंटें या जुड़ें। बंटेंगे तो कटेगा कौन और जुड़ेंगे तो जीतेगा कौन। बंटे तो पिटेगा कौन। इस तरह के नारे एक तरीके से साम्प्रदायिकता को बढ़वा देते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए।