
If you cpmplain of illegal liquor,we will implicate a fake letter of naxalites br writing
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)। यदि शराब बेचने की ज्यादा शिकायत करोगे तो नक्सली की फर्जी चिट्ठी और बैनर फेंककर फंसा देंगे। ऐसी धमकी अवैध शराब बिकवाने वाले पुलिस कर्मी शराब बंद कराने वाले समिति के सदस्य सरपंच और पूर्व सरपंच को दे रहे हैं। उनकी माने तो क्षेत्रीय थाना और चौकियों की पुलिस शराब का अवैध कारोबार करने वालों को संरक्षण दे रही है। जिले के अति नक्सल प्रभावित गांव के सरंपच और ग्रामीणों ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर आदर्शकांत शुक्ला से लिखित में शिकायत किया।
अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से
सरंपच चैनसिंह पुसाम ने कहा,बालाघाट जिले के अतिनक्सल प्रभावित ग्राम पंचायत सोनगुड्डा, डाबरी, धुंधुनवर्धा, दड़कसा, चैरिया, दुल्हापुर, अडोरी, घुम्मुर के ४० ग्राम में पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री सबसे बड़ी समस्या है। शराब की लत में पड़कर बैगा आदिवासी कम उम्र में जान गवां रहे हैं। मोटरसाइकिल से होने वाले हादसे अधिकतर शराब पीने से हो रहे हैं। कहा कि हमलोग वर्ष 2016 से नशा मुक्ति अभियान चला रहे हैं। करीब ७० फीसदी सफलता मिली है। लेकिन पुलिस का सहयोग नहीं मिलने से इस पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा। नक्सली मामले में फंसाने की धमकी अलग मिल रही है।
शराब बंदी शिविर लगाएं
उकवा और बिठली की दुकानों से अवैध तरीके से अंग्रेजी शराब गांवों में बिकने के लिए पहुंचती है।पूरा गांव चाहता है कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में ग्राम पंचायत सोनगुड्डा एवं डाबरी में शराब बंदी शिविर लगाई जाए।ताकि ४० गांवों की जनता को इसका फायदा पहुंचे।
कार्रवाई जरूरी होगी-एएसपी
पूर्व सरपंच तातू सिंह धुर्वे, चंदन सिंह उइके और सरंपच चैनसिंह पुसाम,फुलसिंह मरावी जनपद सदस्य पति अनिल वलके, ईश्वर मरकाम, चैनसिंह मरकाम, विपत मरकाम, मोहन सैय्याम आदि रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शुक्ला ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। अपना नंबर देकर बताया कि कभी भी इस तरह की स्थिति निर्मित हो तो तत्काल फोन करें।
गोदरी में शराब पीने से मर रहे लोग
दो जुलाई को नक्सल प्रभावित ग्राम गोदरी के ग्रामीण कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत किए थे कि उनके गांव में अवैध रूप से अंग्रेजी और कच्ची शराब की बिक्री हो रही है। शराब पीने से लोग मर रहे हैं। मरने वाले के नाम का भी उल्लेख ज्ञापन में किया था। बताया था कि पुलिस शराब बेचने वालों की मदद करती है। नशा मुक्ति अभियान के तहत जब शराब बंद कराने ग्रामीण पहुंचते हैं तो चैकी पर तैनात एक पुलिसकर्मी उनको सूचना दे देता है। शिकायतकर्ताओं ने ज्ञापन में उक्त पुलिसकर्मी के नाम का उल्लेख किया था। कहा था कि पुलिस शराब बंद कराने में कोई सहयोग नहीं करती है।