
If the complains get a mistake on ritual
बालाघाट। समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर मृणाल मीना ने करीब 2 घण्टे विभागों को इस बात ध्यान आकृष्ट कराया जिसमें योजनाओँ के माध्यम से भुगतान हुआ है। जिसकी शिकायतें पिछले 2 वर्षो से सीएम हेल्पलाईन की गई थी। साथ ही उन्हें फोर्स क्लोज कराया गया है। उन शिकायतों को रीओपन कर जांचने के सख्त निर्देश दिए है। हालांकि कुछ विभागों द्वारा इस तरह से रीओपन कर कार्यवाही की जा रही है।
शिकायतें रीओपन करें
कलेक्टर श्री मीना ने कहा कि उन शिकायतों पर गंभीर हो जाये जो वर्ष 2023 से बाद कि है जिसमें भुगतान होना था। हितग्राही पात्र थे लेकिन शिकायत फोर्स क्लोज की गई। इसके अलावा भुगतान की स्वीकृति के बाद बिना भुगतान किए बन्द कर दी गई है। विभाग को यह भी जांचना होगा कि भुगतान असफल तो नही हुआ है। कलेक्टर श्री मीना ने आनलाइन भी कई विभागों की शिकायतें ओपन करके देखी। कलेक्टर श्री मीना ने हिदायती लहजे में कहा कि पूर्व की शिकायतें रीओपन करें अगर गलत या गलती से फोर्स क्लोज कराई गई है तो विभाग व सम्बंधित अधिकारी इसका खामियाजा भी भुगतेंगे।
स्थिति अत्यंत निराशाजनक
कलेक्टर ने 21 जनवरी के पश्चात सीएम हेल्पलाईन पर प्राप्त शिकायतो के अलावा 50 दिनों से लंबित शिकायतों की भी समीक्षा की। उन्होंने नगरीय निकायों में बालाघाट व कटंगी निकाय के सम्बंध में कहा कि स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। बाकी निकाय बेहतर स्थिति में 20 फरवरी तक 90 प्रतिशत से अधिक शिकायतें संतुष्टिपूर्वक बन्द कराने का लक्ष्य दिया गया। इसी तरह राजस्व विभाग के अमले को विभाग के लक्ष्य अनुरूप व ग्रेडिंग के लिहाज से 75 प्रतिशत से अधिक शिकायतें संतुष्टिपूर्वक बन्द कराने को कहा गया है। खासकर ऐसी 6 तहसीलें जो अभी डी में है।
संरचनाओं का सत्यापन भी किया जाएगा
जिले में स्थापित वेटलैंड भूमि के सर्वे कार्य के लिए राजस्व विभाग और पंचायत के अधिकारी मिलकर एप्प पर सत्यापित भी करेंगे। ज्ञात हो कि 4 फरवरी को इन सम्बंध में गूगल मीट के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया गया है। वही समयावधि पत्रों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री मीना ने दोनों विभागों को तत्प्रता से कार्य करने के निर्देश दिए है। वेटलैंड का कार्य देख रही डिप्टी कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि इसरो द्वारा जिले की ऐसी संरचनाएं जो जलीय है। उनकी मैपिंग की गई है। अब इन भूमियों या जलाशयों जिसमें बड़े छोटे या मछली पालन के लिए तैयार की गई हैचरी पर यदि अतिक्रमण है तो सर्वे कर जानकारी अपलोड करेंगे। साथ ही ऐसी संरचनाओं का सत्यापन भी किया जाएगा।