
If alchol in banned in MP distance is necessary,the result of the campaign is seen
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। संभागीय मुख्यालय रीवा उड़ता पंजाब बन गया है। विश्वविद्यालय थाना में एक ट्रक गांजा पकड़ा जाता है। तीन लाख रुपए की अवैध शराब सेमरिया में। मऊगंज के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं कच्ची शराब बनाती हैं। ऐसे में नशे से दूरी जरूरी, अभियान के जरिये सरकार और प्रशासन संदेश देकर रीवा को नशा मुक्त जिला बनाना चाहता है। कायदे से मध्यप्रदेश में बिहार की तरह शराब पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। राजनीतिक नौटंकी अच्छा है। प्रचार अच्छा है। लोग कहते हैं कि पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर अवैध शराब बिकवा रहे हैं। नशा मुक्त रीवा कैसे होगा,आम राय प्रशासन को लेना चाहिए। बहरहाल रीवा में शुक्रवार सुबह स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में नशे से दूरी है जरूरी अभियान के अंतर्गत जागरूकता साइकिल रैली निकाली गयी।
प्रशासन सड़क पर उतरा
विवेकानंद पार्क से प्रारंभ हुई नशे से दूरी जरूरी रैली में रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद, डीआईजी राजेश सिंह चंदेल, एसपी विवेक सिंह, नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवडे और नगर पुलिस अधीक्षक राजीव पाठक सहित विभिन्न थानों के प्रभारी, स्कूली छात्र छात्राएं और सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए। पोस्टर, बैनर और तख्ती के जरिये संदेश दिया गया। यह अभियान पन्द्रह दिनों तक चलेगा।
एसपी विवेक सिंह ने कहा कि समाज को नशामुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। लोगों को आगे आना चाहिए। इसके अलावा अपने आसपास के लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। प्रतिभागियों ने हाथों में स्लोगन और बैनर लेकर शहर के मुख्य मार्गों पर नशे के विरुद्ध जागरूकता का संदेश दिया।
प्रशासन यह क्यों नहीं करता
जिला प्रशासन नशे से है दूरी जरूरी,अभियान में नशे का कारेाबार करने वाले जो अब नहीं करते, उन्हें भी शामिल करना चाहिए। सप्ताह में एक दिन जिले में शराब और गांजा की दुकान बंद करने का आदेश दें। गांजा पकड़वाने वाले को इनाम और सम्मानित करने की घोंषणा करें। सरकारी अभियान कुछ दिनों बाद चलकर बंद हो जाएंगे। प्रशासन नशा मुक्त रीवा बनाना चाहता है तो लोगों से राय ले। और उसे अमल में लाए। वरना रीवा दूसरा पंजाब ही बना रहेगा और उढ़ता रहेगा।

इन मार्गों से निकली रैली
रैली विवेकानंद पार्क से सिरमौर चौराहा, समान तिराहा, पीटीएस चौराहा, धोबिया टंकी और अस्पताल चौराहा होते हुए लगभग 5 किलोमीटर की दूरी तय कर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंची। संभागीय कमिश्नर ने इस तरह के जागरूकता अभियान पर बल दिया।