How did a tomb become in government bulding in bhopal
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लव जिहाद के बाद अब लैंड जिहाद का मामला सामने आया है। शहर के तुलसी नगर 1250 मार्केट के पीछे बने सरकारी बिल्डिंग में 2 मजार मिली है। संस्कृचि बचाओ मंच ने मौके पर पहुंचकर आपत्ती जताई है। संस्कृति बचाओ मंच ने पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन से भी की है। मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने ये दावा किया है कि दोनों मजार अवैध हैं और कब्जे की नीयत से बनाई गई हैं।
कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए
टीटी नगर एसडीएम अर्चना रावत शर्मा को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें कहा गया कि शासकीय आवास क्षेत्र 1250 के आवास क्रमांक-28-38 और 85-96 के आसपास दो मजारों का निर्माण अवैध रूप से कर लिया गया है। इन्हें हटवाने के लिए कार्रवाई करें। ताकि, बेशकीमती भूमि को अतिक्रमणमुक्त हो सके। फिलहाल संस्कृति बचाओ मंच की शिकायत पर भोपाल कलेक्टर ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।
जांच में दो पुरानी मजारें मिली
शुक्रवार सुबह एसडीएम रावत ने पटवारी को भेजकर जांच करवाई। उन्होंने बताया, मौके पर दो पुरानी मजार होने की बात सामने आई है, जो सरकारी बिल्डिंग में है। हालांकि, मामला कोलार एसडीएम क्षेत्र में आता है। बात करके मामला वहां पहुंचाया जाएगा। संगठन के चंद्रशेखर तिवारी को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं।
पूरे शहर में हो जांच
संस्कृति बचाओ मंच का दावा है कि ये लैंड जिहाद है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई है। यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि भोपाल के अलावा मध्यप्रदेश के कई जिलों से ऐसे मामले सामने आए हैं। जबलपुर में पिछले साल ग्वारीघाट रोड स्थित प्राचीन बादशाह हलवाई मंदिर की बावड़ी को एक समुदाय विशेष द्वारा अतिक्रमण करते हुए वहां मजार बाजार बनाए जाने के आरोप लगाए गए थे। वहीं मझौली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले मुड़कुरु गांव में एक सरकारी रंगमंच को समुदाय विशेष के लोगों ने मजार बना दी थी।
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अगर मजारें अवैध हैं तो कई मंदिर भी नियमों के विरुद्ध बनाए गए हैं। उन्होंने इसी तरह की कार्रवाई की मांग की । वहीं दूसरी ओर हिंदू पक्ष ने कहा- हमने मूर्तियों सहित मंदिर को एक जगह से दूसरी जगह पुनर्स्थापित किया है । उनका आरोप है कि भोपाल के कई इलाकों- जैसे रातीबड़, कलियासोत, नीलबड़, अवधपुरी, खजूरी, केरवा और बड़ा तालाब के आसपास मजार जैसी संरचनाएं खड़ी करके ‘लैंड जिहाद’ किया जा रहा है।
कांग्रेस ने कहा ऐसे मामलों का तत्काल संज्ञान लें
मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा कोई भी धार्मिक स्थल यदि नियमों के विरुद्ध बना है, तो उस पर निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए । साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यदि वर्षों से यह सब हो रहा है, तो यह सरकार की विफलता है । उन्होंने प्रशासन से तुरंत संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले दलों को राजनीति करने का अवसर देते हैं।
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश सारंग ने कहा कि अगर ये भूमि जिहाद का मामला है, तो इसे बेहद गंभीरता से लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि हमने पहले भी भूमि जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की है और किसी भी स्तर पर इसे सहन नहीं करेंगे. उन्होंने पुष्टि की कि एक SDM स्तर की जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और सरकारी कॉलोनी में तथ्यों की पुष्टि करना कोई कठिन काम नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अगर मजार उस घर के भीतर है, तो ये स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इसे बाद में बनाया गया था । ये बेहद आपत्तिजनक है । कोई भी व्यक्ति इस क्षेत्र में किसी को दफनाकर कोई धार्मिक स्थल नहीं बना सकता. ऐसा पिछले 50 या 100 सालों में नहीं हुआ है । सरकारी भूमि पर धार्मिक उद्देश्य के लिए अवैध कब्जे के मामले में, चाहे वो कोई भी हो, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा । ये मामला जांच के तहत है और अगर साबित होता है, तो इसे गंभीर अपराध के रूप में लिया जाएगा ।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं
ये मामला प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही पर भी सवाल उठाता है ।अगर ये मजारें पुरानी हैं, तो सरकारी अधिकारियों को इनकी मौजूदगी के बारे में जानकारी क्यों नहीं थी? क्या किसी ने इन मजारों को बनाने के लिए अनुमति दी थी, या फिर ये बिना किसी आपत्ति के प्रशासन की नजरों से बचकर बनाई गई?मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश सारंग ने ये साफ किया है कि अगर किसी ने भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया है, तो उसे सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा ।राज्य सरकार इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतेगी और इस पर पूरी जांच की जाएगी।