
His mla not under shindes control,bjp body in tesion before election
राष्ट्रमत न्यूज,मुंबई (ब्यूरो)। एकनाथ शिंदे के विधायक उनकी नहीं सुनते। उन पर उनका नियंत्रण नहीं है। वो अनाप शनाप बयान देते हैं। इससे बीजेपी की छवि खराब हो रही है। निकाय चुनाव होने वाले हैं। इससे बीजेपी को डर सता रहा है कहीं ठाकरे की पार्टी का कब्जा न हो जाए मुंबई महानगर पालिका में। कई बार एकनाथ शिंद को कहा गया कि वो अपनी पार्टी के विधायकों को आदेशित करें कि ऐसा बयान न दें, जिससे सियासी नुकसान उठाना पड़े। विधायक संजय गायकवाड़ के बयान से सभी परिचित हैं। साथ ही वो किसी पर भी हाथ उठा लेते हैं। गायकवाड़ ने पिछले साल आरक्षण के मुद्दे पर राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को इनाम देने की घोषणा की थी। इसके पहले मंत्री के कैश कांड को लेकर भी विवाद हुआ था। संजय गायकवाड़ पर खराब खाने को लेकर कैंटीन कर्मचारी के साथ मारपीट करने के आरोप लगे और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
कंट्रोल करने में विफल
शिवसेना यूबीटी ने शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट के कथित वीडियो को लेकर आक्रामक रुख अपनाया था। इसके चलते देवेंद्र फडणवीस सरकार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के विधायकों को कंट्रोल करने में विफल साबित हो रहे हैं।
शिंदे का अपने विधायकों पर कंट्रोल नहीं
संजक गायकवाड़ उन शिवसेना विधायकों की लिस्ट में शामिल हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार किया है, जिससे पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। बीएमसी से लेकर राज्य भर में लोकल चुनाव होने हैं और महायुति सरकार में शिवसेना की वरिष्ठ सहयोगी BJP की चिंता बढ़ती जा रही है। उसका मानना है कि इस तरह का अनियंत्रित व्यवहार उसकी चुनावी संभावनाओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
शिंदे अपने MLAपर लगाम लगाओ-BJP
शिवसेना नेताओं की तरफ से हुई शर्मनाक घटनाओं के चलते BJP को चिंता है कि उसके काम पीछे रह जा रहे हैं और शिवसेना नेताओं की वजह से गठबंदन सरकार की छवि खराब हो रही है। हाल ही में शिवसेना और BJP के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक में शिंदे से अपने विधायकों पर लगाम लगाने का आग्रह किया गया।बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ BJP मंत्री ने कहा कि हमारे यहां स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं और इन विधायकों के विवादास्पद बयानों से सत्तारूढ़ दलों की छवि धूमिल हो रही है। इससे भी बुरी बात यह है कि शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (सपा) सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं और वे इसे तुरंत उठा लेते हैं।
शिवसेना नेता का शिंदे को प्रस्ताव
बैठक में मौजूद एक शिवसेना नेता ने कहा कि जिस तरह BJP पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को उत्तान के केशव सृष्टि स्थित संघ परिवार परिसर में वार्ता और व्याख्यानों के लिए भेजती है, उसी तरह शिवसेना को भी अपने सदस्यों के लिए ऐसी ही व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि हममें से कुछ लोगों ने अपने प्रमुख एकनाथ शिंदे से कहा है कि वे सभी स्तरों के नेताओं को ‘क्या करें और क्या न करें’ की एक सूची जारी करें।