
Green trees sacrificed for road in naxalite area
बालाघाट(ब्यूरो)। सघन वन क्षेत्र में निवासरत लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध करवाने के आशय से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क और पुल पुलियों का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है। लेकिन सड़क और पुल पुलियों का निर्माण कार्य के दौरान बीच में पड़ने वाले सैकड़ों पेड़ो की कटाई भी हो रहीं हैं। जो विकास की आड़ के विनाश की तस्वीर को भी साफ उजागर कर रहा है। ऐसी तस्वीरे बीते दिनों लांजी क्षेत्र के दुल्हापुर, परसाटोला, हरदीटोला, पौसेरा वाया सतीटोला के बीच चल रहे सड़क और पुल पुलियों के निर्माण कार्य के दौरान देखा जा सकता है। जहां सड़क निर्माण के लिए अर्थवर्क का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। वन परिक्षेत्र पूर्व लांजी के अन्तर्गत आने वालें इस मार्ग पर पड़ने वाले करीब 300 दरखतों को काट दिया गया है।
दस किलोमीटर बनेगी सड़क
बता दे कि करीब 10 किलोमीटर लंबी इस सड़क की लागत 5.34 करोड़ रुपये है। जिसका निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा करवाया जा रहा है। जहां इस मार्ग के पुर्ण हो जाने से ना सिर्फ लांजी से दुल्हापुर होकर पौसेरा की दूरी कम होगी अपितु क्षेत्रवासियों का आवागमन सुगम हो जाएगा। इसी प्रकार इस क्षेत्र में हर्राडीह से केराडीह.खामरडीह तक भी सड़क और पुल पुलिया बनाने में इस मार्ग पर भी सैकड़ों पेड़ो की बलि दी जा रही है।