
Government is killing village not naxalites - mumjare
बालाघाट। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने नक्सली और पुलिस मुठभेड़ पर कहा कि प्रदेश सरकार फर्जी एनकाउंटर करा रही है। मंडला के खटिया मोर्चा के तहत रविवार को नक्सली और पुलिस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था। जिसे कंकर मुजारे नहीं मानते कि पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है।उनका मानना है कि पुलिस ने नक्सलियों के नाम पर ग्रामीणों की हत्या कर रही है।
नक्सली है तो मुंह क्यों ढका गया
पत्रकार वार्ता में कंकर मुंजारे ने कहा कि मोहन सरकार अपनी पीठ थपथपाने के लिए ग्रामीणों की हत्या करा रही है नक्सली मुठभेड़ के नाम पर। उन्होंने मारे गए नक्सली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मारा गया व्यक्ति नक्सली है तो उसके शव को पाॅलीथीन में लपेटने की क्या जरूरत है। उसका चेहरा क्यों ढका गया है।मारा गया नक्सली का नाम क्या है? उसे पुलिस को कब से तलाश थी। वो कब नक्सली बना उसके बारे में पुलिस क्यों नहीं बताती। वो इनामी नक्सली बालाघाट का है या फिर छत्तीसगढ़ अथवा महाराष्ट्र का। कहां का रहने वाला है वो नक्सली ऐसे कई सवाल हैं,जिन्हें पुलिस का नहंी बताना कई संदेह को जन्म देता है।
प्रदेश में गुडाराज चल रहा
मुंजारे ने यह भी आरोप लगाए कि जो 315 बोर और थ्रीनाटथ्री बंदूके जप्त होना बताती हैं। ऐसे बंदूकों का चलन कब का बंद हो गया है। जाहिर सी बता है कि पुलिस नक्सलियों के नमा पर ग्रामीणों की हत्या कर अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने नक्सली को मारा।उन्होंने कहा कि मोहन यादव की सरकार में तानाशाही मनमानी और गुंडाराज प्रदेश में चल रहा है।
आठ बाघ का शिकार किये थे
मुंजारे ने वर्ष 2019 की घटना का उल्लेख करते हुए पत्रकारांे को बताया कि बालाघाट वन परिक्षेत्र के कुर्थीटोला में टाईगर के शिकार प्रकरण में वन विभाग ने नौ आरोपीयों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया था। जिसमें एक आरोपी हाकफोर्स के एक खुफिया विभाग में तैनात राजु मरकाम भी है। जो वर्तमान में निलंबित है। न्यायालय में दाखिल उसके कथनानुसार उक्त शिकार कांड में हाकफोर्स के अनेक जवान शामिल थे। जो वर्तमान में मुठभेंड में उन्हे वीरता पदक और आउट आफ टर्न प्रमोशन मिल चुका है। जो वन विभाग के आरोपी हैं। उन्होने आरोप लगाया कि आरोपित जवानों के द्वारा आठ बाघ का शिकार कर उनके अंगो को बेचकर आर्थिक लाभ कमाया है। उनके विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहियें।