
Girls use a washroom without door
बेंगलुरू। कर्नाटक के कोप्पल जिले के एक स्कूल के गल्र्स हास्टल के बाथरूम और टायलेट में दरवाजे नहीं है।सुनकर अजीब लगता है। लेकिन सच यही है। मामला जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो हंगामा हो गया। अधिकारियों ने स्कूल का निरीक्षण किया। बात सही पाया गया। ऐसी लापरवाही बरतने वाले कई लोगों को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया गया है।
निलंबन का आदेश जारी पर लागू नहीं
कई छात्रों की शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग के असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर एच अंजिनप्पा ने कोप्पल तालुक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट और बाथरूम सुरक्षित नहीं थे, दरवाजे और स्वच्छता की कमी थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर डीडीपीआई श्रीशैल बिरादर ने 20 जनवरी को स्कूल के मुख्य शिक्षक कस्तूरी बडिगर को निलंबित करने का आदेश जारी किया, आदेश अभी तक लागू नहीं किया गया है।
मुख्य शिक्षक जिम्मेदार
केंद्र सरकार द्वारा स्थापित और सरकारी अनुदान पर चलने वाले बालिका विद्यालय में इस शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 6, 7 और 8 में 120 छात्र हैं। स्कूल और छात्रावास भवन एक दूसरे के बगल में हैं। कर्नाटक के इस गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में दरवाजे नहीं हैं। मामले में डीडीपीआई ने कहा कि कस्तूरी बेटागेरी में सरकारी मॉडल उच्च प्राथमिक विद्यालय में मुख्य शिक्षक हैं और विद्यालय छात्रावास के लिए नोडल अधिकारी भी हैं। निरीक्षण के दौरान छात्रावास के शौचालयों एवं बाथरूम में दरवाजे नहीं थे। उन्होंने खिड़कियों में जाली न होने के कारण मच्छरों के काटने से होने वाली बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मुख्य शिक्षक को जिम्मेदार ठहराया।
डीडीपीआई के अनुसार, प्रधान शिक्षक ने राज्य कार्यालय से प्राप्त छात्रावास अनुदान का उचित डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया। पूछताछ करने पर उसने बताया कि दस्तावेज खंड शिक्षा कार्यालय में हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने हॉस्टल में – सरकार की तरफ से फ्री में मिलने वाले नारियल तेल, नोटबुक और ट्रैकसूट लड़कियों को पूरी तरह से वितरित नहीं किए थे।
आगे की कार्रवाई का जा रही है
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि छात्रावास के बच्चों को खराब ट्यूबवेल पानी मिल रहा है और इसका उपयोग खाना पकाने के लिए भी किया जाता है। डीडीपीआई के निलंबन आदेश में मुख्य शिक्षक द्वारा बच्चों की सुविधाओं के लिए सरकारी धन का उचित उपयोग करने में विफलता का हवाला दिया गया, जो कर्नाटक सिविल सेवा आचरण नियम, 2021 का उल्लंघन है। मामले में आगे की कार्रवाई का जा रही है।