
Ganja and mobile found near prisoners in jail
अंबिकापुर। अंबिकापुर सेंट्रल जेल के उच्च सुरक्षा वार्ड (बैरक) की जांच के दौरान कुख्यात अपराधियों के बैरक से मोबाइल और गांजा मिले। अब जेल प्रबंधन ने 3 प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया है। दुर्ग से आए कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली और सूरजपुर में मां-बेटी की हत्या का आरोपी कुलदीप साहू को बंद किया गया है।
मोबाइल मिलने से हड़कंप
अंबिकापुर सेंट्रल जेल के जिस बैरक में कुख्यात बदमाशों को रखा गया है, उस बैरक की तीन दिन पहले की गई जांच में जेल प्रबंधन को एक मोबाइल मिला था। बैरक के अंदर मोबाइल मिलने से हड़कंप मच गया। वहीं, जेल के बैरक की दोबारा जांच की गई, तो कुख्यात बदमाश कुलदीप साहू के पास से गांजा जब्त किया गया।
बैरक की जांच की गई
जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने बताया कि, जेल के उच्च सुरक्षा वार्ड (बैरक) में कुछ संदिग्ध गतिविधियों के पता चलने पर बैरक की जांच की गई, तो बैरक में एक मोबाइल बरामद किया गया था। बैरक की जांच में कुलदीप साहू के पास से गांजा जब्त किया गया।उस बैरक में दुर्ग से शिफ्ट किए गए कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली और सूरजपुर में हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की हत्या का कुख्यात अपराधी कुलदीप साहू को रखा गया था। जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने कहा कि मोबाइल और गांजा कई माध्यमों से जेल में पहुंच सकता है।
तीन प्रहरियों को सस्पेंड किया
जेल प्रबंधन जेल के बैरक में गांजा और मोबाइल मिलने की जांच कर रही है। जेल अधीक्षक ने जांच के दौरान लापरवाही के आरोप में तीन प्रहरियों को सस्पेंड किया है। जिन प्रहरियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें भूपेंद्र सिंह अयाम सहित अन्य दो प्रहरी शामिल हैं। निलंबन आदेश में कहा गया है कि, 17 मार्च को उच्च सुरक्षा वार्ड की जांच के दौरान प्रतिबंधित सामाग्री दर्ज की गई है। इसमें उच्च सुरक्षा वार्ड की सुरक्षा के लिए ड्यूटी में तैनात कर्मियों को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी पाया गया है।
ये है मामला
दरअसल सरगुजा के कलेक्टर और एसपी सेंट्रल जेल का अंबिकापुर का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे ।इन अफसरों ने जेल में अचानक दबिश दी तो यहां जो चीजें कैदियों के पास से मिली उसे देख अचंभित रह गए। अफसरों ने पाया कि कुख्यात अपराधियों के पास गांजा और मोबाइल रखा हुआ है. इस बड़ी लापरवाही पर जेल प्रबंधन को फटकार लगाई और 3 प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया गय।
कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
इस मामले के बाद अब जेल की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ गए हैं ।सवाल यही है कि जेल में बंद इन कुख्यात अपराधियों के गांजा और मोबाइल फोन आखिर कहां से आया? इसमें ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है ।