
Gang rape scandal - umang assured to bring justic to the family
बालाघाट।मध्य प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार 30 अप्रैल को गैंगरेप से पीड़ित बच्चियों के परिवार से मिलने धूर नक्सल प्रभावित गांव दुगलई पहुंचे। उन्होंने 23 अप्रैल को आदिवासी बच्चियों के साथ हुई गैंगरेप घटना की घोर निंदा करते हुए परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होने जमीन पर बैठकर ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से चर्चा की। गांव में सड़क,बिजली की कमी की ओर गांव वालों ने ध्यान आकृष्ट किया।
एक एक लाख की मदद की घोंषणा
मीडिया से चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी तक पुलिस ने पीड़िता पक्ष से आरोपियों की शिनाख्त नहीं कराई। जाहिर सी बात है कि पुलिस मामले को कमजोर करना चाहती है। हैरानी वाली बात है कि सरकार ने अभी तक मुख्यमंत्री राहत कोष से किसी भी तरह की पीड़ित पक्ष को कोई मदद नहीं दी। मैं अपनी विधायक निधि से एक एक लाख रुपए और दुगलई के सभी परिवारो को 10-10 हजार रूपये आर्थिक सहायता मेरी तरफ से दी जाएगी।
मैं बिजली सड़क बनवाऊंगा
उमंग सिद्धार ने कहा कि कोई भी समाज हो ऐसी घटनाएं पूरे समाज के लिये दुखदायी है। इस मामले में कडी कार्यवाही होना चाहियें। उन्होने आगे कहा कि गांव की स्थिति बेहद ही खराब है। क्योकि यहां के ग्रामीण जंगल के भरोसे जीवन यापन करते है। यहां सुविधाओं की कमियां है।इस पर सरकार को तत्काल कार्यवाही करनी चाहियें। यदि सरकार कुछ नहीं कर पाई तो मुझे खुद को आकर यहां बिजली पहुंचाना पडे़गा और सड़क बनवाना पडे़गा।
पीड़ित परिवार को सुरक्षा मिले
पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहियें। उन पर किसी भी प्रकार का दबाव ना हो। क्यों कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। मुख्यमंत्री जी मौन रहते हैं। इसलिये मैंने भी उनका नाम मौन यादव रख दिया है। उन्होंने इस घटना पर पूरी चुप्पी साध ली है। उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायत सरकार को देने की मांग की।
गांव में बुनियादी जरूरतों की कमी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस गांव में न बिजली है और न ही सड़क है। जबकि मुख्यमंत्री दावा करते हैं प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है। नल जल योजना से लगे नलांे से टोटियां गायब हैं। उन्होंने सरपंच और एसडीएम की क्लास लगाई और कहा कि अगले 07 दिनांे के भीतर इस गांव में बिजली पहुंच जाना चाहिए।सरपंच से उन्होंने गांव के भीतर सड़क बनाने के निर्देश दिये। इस समस्याओं के अलावा उन्होने ग्रामीणांे से कक्षा 5वीं के बाद उनके बच्चों की आगे की शिक्षा कैसे हासिल होती है,उस पर भी चर्चा की।