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आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाली पूर्व फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल शिवांकिता दीक्षित को साइबर जालसाजों ने दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। इस दौरान उन्हें डरा धमकाकर 99 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। खुद को सीबीआई का अधिकारी बताने वालों न साइबर अपराधी ने मनी लाड्रिंग ओर बच्चों की फिरौती की रकम अकाउंट में भेजे जाने की बात कहकर धमकाया। इस संबंध में शिवांकिता के पिता संजय दीक्षित ने पुलिस में शिकायत दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है। ठगी की यह वारदात मंगलवार की शाम करीब चार बजे की है।
अनजान नंबर से काल
आगरा के मानस नगर में रहने वाली शिवांकिता दीक्षित साल 2017 में फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल चुनी गई थीं। मंगलवार की शाम करीब चार बजे वह अपने घर में थीं। इसी दौरान उनके पास एक अनजान नंबर से काल आई।काल करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया। उसने शिवांकिता को बताया कि उसके आधार कार्ड से रजिस्टर्ड सिम कार्ड के जरिए दिल्ली में एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया है।
दो घंटे तक किया डिजीटल अरेस्ट
साइबर अपराधियों ने 24 बच्चों के अपहरण की खबर के बाद एचडीएफसी खाते में फिरौती की रकम मंगाई गई है। इतना ही नहीं, जालसाज ने शिवांकिता पर मनी लान्डरिंग का आरोप भी लगाया।कहा कि सीबीआई की टीम जल्द ही उसे अरेस्ट करने के लिए निकलने वाली है। बुरी तरह से डराने के बाद इस जालसाज ने कहा कि वह उसकी मदद करना चाहता है। साथ ही कहा कि यदि वह जांच में सहयोग नहीं करेगी तो उसे अरेस्ट कर लिया जाएगा।
99 हजार रुपये ट्रांसफर कराए
इसके बाद आरोपी ने फोन नहीं काटने को कहा और फिर व्हाटस एप पर वीडियो काल किया। काल करने वाले ने कहा तुम्हें इसके बारे में जानकारी नही होगी। लेनिक सीबीआई तुम्हारे जरिये उन तक पहुंचना चाहती है। काल करने वाले के पीछे एक कमरे में चार पांच अधिकारी टाइप के लोग बैठे नजर आए थे। इन सभी ने शिवांकिता को खूब डराया और महज दो घंटे के अंदर एक बैंक खाते में उससे 99 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद फोन कट कर दिया। कहा था अगवा दो बच्चों की फिरौती देने के बाद भी उनका पता नहीं चलने पर उनके परिजन ने आत्महत्या कर लिया है। आप हमारी मदद करे, हम आपको निर्दोष साबित करेंगे। आॅपरेशन लीक हो गया तो गिरोह हाथ में नहीं आयेंगे।
बच्चों की जान चली जाएगी
शिवांकिता ने बताया कि साइबर अपराधियों ने उन्हें सोचने का मौका तक नहीं दिया।वो एक के बाद एक अपने अधिकारियों को काल फरवर्ड करके उच्च अधिकारियों से बात कराने की बात करते रहे। एक ही बात कहते थे उनकी जरा सी गलती बच्चों की जान ले लेगी। उन्हें कमरे से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया था। जालसाजों के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता ने अपने पिता को घटना की जानकारी दी।वहीं पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।