
Formar MLA MP convicted for threatening to parliament
बालाघाट। मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरिते को संसद भवन को उड़ाने की धमकी के लिए दिल्ली की अदालत ने दोषी करार दिया है। किशोर समरित ने सितंबर 2022 में संसद भवन को उड़ाने की धमकी दी थी।दिल्ली की अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया हैै। इससे अब पूर्व विधायक किशोर समरिते की मुश्किलें बढ़ गई है। हालांकि विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने उन्हें विस्फोटकों के कब्जे और जीवन को खतरे में डालने या इसके माध्यम से चोट पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया है।
सजा पर दलीलें केार्ट सुनेगा 27 को
अदालत ने कहा कि एक पार्सल में पाए गए पदार्थ की जांच पर जिसे उन्होंने कथित तौर पर राज्यसभा के महासचिव के कार्यालय में भेजा था। वह विस्फोट का कारण बनने के लिए उनकी क्षमता के संदर्भ में हानि.रहित निकला। जबकि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 5 ए के तहत प्रभार के लेख विस्फोटक पदार्थ के माध्यम से जीवन को खतरे में डालना और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9 बी 1 बी किसी भी विस्फोटक का निर्माण आयात या निर्यात साबित नहीं हुआ, फिर भी यह स्थापित किया गया है कि आरोपी ने भारत की संसद को उड़ाने के खतरे के साथ एक पत्र भेजा। अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। अदालत ने 18 फरवरी को दिए फैसले में कहा है कि अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 506 भाग दो मारने या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की धमकी के तहत दोषी ठहराया। जिसमें सात साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। इस मामले में न्यायाधीश 27 फरवरी को सजा पर दलीलें सुनेंगे।
तो संसद भवन को उड़ा देंगे
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी पूर्व विधायक किशोर समरिते ने संसद को उड़ाने की धमकी दी थी और 16 सितंबर 2022 को राज्यसभा अधिकारी को कुछ मांगों और एक संदिग्ध पदार्थ के साथ खतरे का पत्र भेजा था। समरिते से लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व में विधायक रहे हैं। समरिते ने धमकी दी थी कि अगर उसकी 70 मांगें नहीं मानी गईं तो वह 30 सितंबर को संसद भवन को उड़ा देगें। जहां पूर्व विधाायक किशोर समरीते ने क्षेत्र की समस्याओं का हल नहीं निकालने पर स्पीकर को पत्र लिखकर धमकी दी थी।
धारा 506 के तहत दोषी
पूर्व विधायक समरिते ने एक पैकेज संसद को भेजा था। जिसमें धमकी भरा पत्र, कुछ झंडे, संविधान की एक प्रति और कुछ जिलेटिन की छड़ें थीं। जिसके बाद संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने धारा 506 के तहत दोषी पाया है। इसमें अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है। अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।