
Farmers movement will fight on the streets
नोएडा। (ब्यूरो)। संसद का घेराव करने के लिए हजारों किसान आज दिल्ली कूच करने वाले हैं। फिलहाल ये किसान नोएडा में एकजुट हुए हैं। इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 5000 जवानों की तैनाती की कई है। किसानों के कूच को लेकर नोएडा में कई जगहों पर जाम लगा है।महामाया फ्लाईओवर के नीचे किसान एकजुट होंगे।हर तरफ निगरानी रखी जा रही है, कई रूट को किया गया डायवर्ट किया गया है।
किसानों की सात मांगे
किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। भारतीय किसान परिषद समेत कई किसान संगठन की सात मांगे हैं। नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजा और लाभ की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। BKP का मार्च 2 दिसंबर यानी आज से नोएडा से शुरू होगा, जबकि अन्य संगठन 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। पंजाब,हरियाणा सीमा पर मौजूद किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। किसानों की मुख्य मांगों में MSP डैच की गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज पुलिस केस वापस लेना और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना शामिल है।
किसानों से बातचीत जारी
हजारों किसान ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण से निकल गए हैं। पुलिस ने किसानों को रोकने का काफी प्रयास किया लेकिन किसान नहीं रुके हल्ला बोल करते हुए ये किसान नोएडा महामाया फ्लाईओवर के लिए निकले। नोएडा पुलिस के एडिशनल कमिश्नर ला एंड आर्डर शिव हरी मीणा ने कहा कि किसानों से लगातार बातचीत चल रही है।
पांच सौ जवान तैनात
किसान संगठन के नेताओं को समझाने की कोशिश की जा रही है फिर भी नहीं माने तो आगे नहीं जाने दिया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से 5 हजार जवानों को तैनात किया गया है। 1 हजार पीएसी के जवान तैनात हैं।वाटर कैनन, वज्र वाहन सभीए टीयर गैस जो भी स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए उपकरण चाहिए होते हैं, उनको लगाया गया है। शिव हरी मीणा का कहना है कि लोग ट्रैफिक में ना फंसे उसके लिए रविवार को ही वैकल्पिक मार्गों के साथ डायवर्सन रुट और एडवाइजरी जारी कर दी गई थी।
दिल्ली जाएंगे किसान
कुछ किसान संगठनों का कहना है कि वो महामाया फ्लावर से होते हुए दिल्ली जाएंगे और पार्लियामेंट का घेराव करेंगे। किसानों का कहना है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई काफी समय से वह अलग अलग अथारिटीज पर धरना दे रहे थे। रविवार को भी कई घंटे की बातचीत असफल रही उसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला किया।
कौन-कौन से किसान संगठन
किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM-गैर-राजनीतिक) सहित विभिन्न किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। ये समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा,केरल,उत्तराखंड और तमिलनाडु में किसान यूनियन उसी दिन अपनी-अपनी विधानसभाओं तक प्रतीकात्मक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। वे दिल्ली की ओर अपने रुके हुए मार्च का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि ये किसान 6 दिसंबर के मार्च में शामिल होंगे।
किसानों की 7 मांगें क्या हैं?
➤कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
➤कृषि ऋण माफ
➤किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन
➤पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लेना
➤2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय
➤भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना
➤2020-21 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा