
Election of varasivani janpad president zero
राष्ट्रमत न्यूज बालाघाट(ब्यूरो)। जिला कलेक्टर मृणाल मीना की कोर्ट ने वारासिवनी जनपद अध्यक्ष माया उईके का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया। इसलिए कि माया उइके ने निर्वाचन के समय फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। उनके निर्वाचन को चुनौती दी गयी। कलेक्टर न्यायालय ने वारासिवनी की जनपद पंचायत क्षेत्र के01 सदस्य और जनपद अध्यक्ष माया उईके के निर्वाचन को अमान्य और शून्य घोषित कर दिया। जिसके साथ ही अब जनपद पंचायत अध्यक्ष माया उईके की कुर्सी चली गई है। जो कि बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।
निर्वाचन को चुनौती दी
आलेझरी के जनपद सदस्य जितेंद्र पिता दर्शन सिंह राजपूत ने जनपद पंचायत वारासिवनी के पद पर हुआ निर्वाचन को अवैध एवं शून्य घोषित करते हुए पद से पृथक किये जाने के लिए कलेक्टर न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। इनके द्वारा मुख्य रूप से उल्लेख किया गया हैं कि वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा के पश्चात जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्रमांक 01 से अनावेदिका श्रीमती माया उडके पति दिनेश कुमार उडके निवासी ग्राम नांदगांव, पोस्ट कीचेवाही, तहसील वारासिवनी जिला बालाघाट द्वारा नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया गया। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कलेक्टर जिला बालाघाट द्वारा निर्वाचन क्षेत्रवार आरक्षण संबंधी अधिसूचना जारी किया गया। जिसके अनुसार जनपद पंचायत वारासिवनी के क्षेत्र क्रमांक 01 को अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित पोषित किया गया।
बीजेपी के लिए झटका
माया उईके का मायका महाराष्ट्र का है और वहां अनुसूचित जाति एससी वर्ग का प्रमाण पत्र जारी हुआ है। अब विवाह पाश्चात्य उनका ससुराल एमपी के बालाघाट हंै। जहां उसके ससुराल अनुसूचित जनजाति एसटी वर्ग से है। इसी एसटी वर्ग का शपथ पत्र देकर माया उईके ने चुनाव लड़ा था। अध्यक्ष पद एसटी के लिए आरक्षित होने से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया और माया उईके अध्यक्ष चुनी गई थी। जिनके इस निर्वाचन को दो साल बाद कलेक्टर न्यायालय में शिकायत की थी। लगातार हुई सुनवाई अध्यक्ष एसटी का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकी। जिसके चलते कलेक्टर न्यायालय ने वारासिवनी की जनपद अध्यक्ष माया उईके के निर्वाचन को अमान्य व शून्य घोषित कर दिया हैं। जो कि बीजेपी के लिए बड़ा झटका हंै।
इनका कहना हैं
वारासिवनी जनपद अध्यक्ष का चुनाव आदिवासी वर्ग के लिए था। भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने नकली आदिवासी को बैठाकर आदिवासियों का शोषण किया हैं। अब वारासिवनी जनपद का असली आदिवासी अध्यक्ष बनेंगा। माया उइके का जाति प्रमाण पत्र महाराष्ट्र में एससी वर्ग का था। जहां चुनाव में अपनी जाति छुपा कर चुनाव लड़ा था। और उसी आधार पर अध्यक्ष का भी चुनाव लड़ा था। कलेक्टर महोदय के द्वारा जाति प्रमाण पत्र को गलत मानते हुए चुनाव को शुन्य घोषित कर दिया गया हैं।
जीतू राजपूत जनपद सदस्य वारासिवनी