
Drug inspector recovered 3 crore, his property should be investigated-samarite
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो) । बालाघाट लाँजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने पुलिस महानिर्देशक लोकायुक्त से शिकायत कर औषधि निरीक्षक स्वपनील सिंह की 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ड्रग्स इंसपेक्टर स्वपनील सिंह ने बालाघाट जिले में दवाई दुकानों से दो-दो लाख रुपए लोकर 150 लाइसेंस जारी किये हैं। वहीं दवाई दुकानों को सजा रद्द करनेे के बदले प्रत्येक दुकान से 50-50 हजार रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
तीन करोड़ की अवैध वसूली
संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लाँजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि बालाघाट जिले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन औषधि निरीक्षक के पद पर स्वपनील सिंह की पदस्थापना की गई है। स्वपनील सिंह द्वारा बालाघाट में आते ही जिले में लगभग 300 ड्रग लाइसेंसधारी दुकानदारों से 50-50 हजार रूपये रिश्वत लेकर लाखों-करोड़ो की अवैध वसुली की है। साथ ही बालाघाट में 150 ड्रग लाइसेंस देने के बदले प्रत्येक से 2 लाख रूपये रिश्वत लेकर तीन करोड़ की अवैध वसुली की है।
खुद अर्थ दंड तय करते हैं
प्रतिबंधित दवाओं की बिना डाॅक्टर के प्रीसकिप्सन के बिकी करने के मामलों में दवा दुकानों का निरीक्षण कर खुद ही आर्थिक दण्ड तय करते हैं। दवा दुकानों के लाइसेंस 1 दिन से लेकर 15 दिन तक निलंबित करने के बाद 50-50 हजार रुपए की रिश्वत लेकर बहाल करते हैं। पूरे बालाघाट में अवैध वूसली की दुकान खोल रखे हैं।
पैसा लेकर आदेश रद्द कर रहें
पूर्व विधायक ने कहा सबसे गंभीर बात है कि नारको ग्रुप की प्रतिबंधित दवायें मिलने पर दवाई दुकान संचालक की गिरफ्तारी कर न्यायालय में आरोप.पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिये। औषधि निरीक्षक अपने अधिकारों से दवाई संचालकों को दण्ड देकर लाइसेंस निलंबित कर अपना आदेश पैसा लेकर स्वयं निरस्त करता है। यह मामला स्वयं भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है तथा यह मामला पद एवं अधिकारों का दुरूपयोग है।
दस्तावेजों की जांच की जाए
समरीते ने शिकायत पत्र में कहा है कि औषधि निरीक्षक के कार्यालय से दवाई दुकानों के निरीक्षण रजिस्टर, नये लाइसेंस जारी करने के रजिस्टर, दण्ड एवं शास्ती तथा जुर्माना के रजिस्टर तथा डिस्पेच रजिस्टर की जांच की जानी चाहिए। साथ ही औषधि निरीक्षक की टूर डायरी तथा पैथोलाजी लेब निरीक्षण रिपोर्ट तथा नीजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम निरीक्षण की रिपोर्ट की जांच किये जानी चाहिए। इनके अलावा निजी चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम निरीक्षण की रिपोर्ट की जांच रिपोर्ट कलेक्टर तथा जिला चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट की भी जांच की जानी चाहिये।