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राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। निवेशकों से ठगी करने का ऐसा नायाब तरीका शायद ही कोई और किया हो। जो काम दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार ने किया एम पी समेत सात राज्यों में निवेशकों को ठसके से 2283 करोड़ रुपए ठगा। भोपाल एसटीएफ ने दो आरोपियों को दिल्ली से पकड़ा। आरोपी आठ फीसदी रिर्टन का झांसा देते थे।
और भी गिरफ्तार होंगे
आरोपी योर्कर एफएक्स और योर्कर कैपिटल कंपनी में निवेश करने पर 6 से 8 फीसदी फिक्स मुनाफे का झांसा देते थे। आरोपी अब तक 2283 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं। ठगी की यह रकम आरोपियों ने 16 खातों में प्राप्त की है। एसटीएफ ने 90 करोड़ रुपए सीज कराए हैं। इन्हें आरोपी विदेशी खातों में ट्रांसफर करने की तैयारी में थे।एसटीएफ दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।
निवेशकों से ठगी का नायाब तरीका
आरोपियों ने टेलीग्राम एप पर 12 से ज्यादा ग्रुप बनाए थे। इसके बाद लोगों को अलग-अलग कंपनियों में निवेश करने का झांसा देते थे। जो निवेशक इनकी बातों में आ जाते थे उन्हें एप पर कंपनी का लिंक देते थे। इसमें कंपनी की पॉलिसी और निवेश के साथ रिटर्नस की जानकारी होती थी।रजिस्ट्रेशन के नाम पर आरोपी 10 से लेकर 18 हजार रुपए लेते थे। निवेश कराने के बाद कुछ दिन लोगों को रिटर्न देकर भरोसा जीतते थे। इसके बाद लिंक को इनएक्टिव कर देते थे। टारगेटेड कस्टमर्स को अलग लिंक देकर लाखों रुपए का निवेश कराया जाता था।
इंदौर के युवक से की 20 लाख की ठगी
इंदौर के रहने वाले ईशान सलूजा ने एसटीएफ को शिकायत की कि यार्कर एफएक्स और योर्कर केपिटल कंपनी में BOTBRO इन्वेस्टमेंट और फिक्स मुनाफा देने का झांसा देकर उनके साथ 20.18 लाख की ठगी की गई है। ठगी करने वाले उन्हें टेलीग्राम नाम के एप पर मिले थे। लिंक देकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 18 हजार रुपए लिए।
16 बैंक खातों में आती थी ठगी की रकम
एआईजी पंकज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कंपनियों में निवेश के नाम पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और असम के हजारों लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की है। ठगी की रकम को राय डेंट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, किन डेंट बिजनेस सालूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित 16 अलग-अलग करंट अकाउंट में बुलाई जाती थी।
ED जांच कर रही है
रकम BOTBRO नाम से बैंक खातों में प्राप्त की जाती, फिर मेटा-5 अकांउट में इस रकम को यूएस डॉलर दिखाया जाता। बाद में इस करेंसी को कन्वर्ट कर फॉरेक्स मार्केट में ट्रेडिंग की जाती थी। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ED एफई एमए एक्ट के तहत पहले ही जांच कर रही है।
गिरोह के सरगना दुबई में
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि गिरोह के सरगना दुबई में बैठे हैं। उन्हें हर ठगी के बाद कमीशन की रकम मिला करती थी। रकम को कन्वर्ट कर दुबई भेज दिया करते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में भी इजाफा किया है। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में इसी तरह के 16 अन्य केस दर्ज हैं।