
Deputy ranger -chowkidars burnt tigers body at the behest of forest guard
डिप्टी रेंजर और वन रक्षक फरार
छह चौकीदार भेजे गए जेल
बाघ की हड्डी और मांस मिला
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट(ब्यूरो)।सोशल मीडिया में शनिवार को वायरल हुई मृत बाघ की तस्वीर ने वन महकमे में हड़कप मचा रखा है। विभाग की जांच में पता चला कि चौकीदारों ने डिप्टी रेंजर टीका राम हनोते और वन रक्षक हिमांशु घोरमारे के कहने पर जिस बाघ को मृत अवस्था में देखा था,उसे जला दिया। छह चौकीदारों जेल भेज दिया गया है। वहीं डिप्टी रेंजर टीका राम हनोते और वन रक्षक हिमांशु घोरमारे को निलंबित कर दिया गया है।
डिप्टी रेंजर और वनरक्षक फरार
वन विभाग ने डिप्टी रेंजर और वन रक्षक को निलंबित कर दिया है, मगर दोनों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की तलवार लटकी हुई है। वे फरार बतायें जा रहे है।जबकि 02 अगस्त को वे जांच दल के साथ थे। हालांकि उनके खिलार्फ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज किये जाने की बात सामने आई है।लेकिन उनकी त्वरित गिरफ्तारी ना होने वन विभाग और वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पूरी तरह सवालो के घेरे में आ चुकी है।
आदेश पर बाघ का शव जलाया
2 अगस्त को ‘सोनेवानी अभयारण्य’ नाम के एक वॉट्सएप ग्रुप पर मृत बाघ की तस्वीर के साथ पोटुटोला के कालागोटा नाला में बाघ के मृत होने की सूचना डाली गई थी। इस पोस्ट के बाद वन्यजीव प्रेमियों और वन अमले ने पूरे दिन जंगल में तलाशी अभियान चलाया। उन्हें बाघ का शव तो नहीं मिला, लेकिन वॉट्सएप पर दी गई लोकेशन का पता चल गया।लोकेशन ट्रेस होने के बाद वन विभाग की टीम ने 6 बीट चौकीदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में चौकीदारों ने बताया कि डिप्टी रेंजर और वनरक्षक के कहने पर उन्होंने बाघ के शव को जला दिया था।
ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग की
इस घटना के बाद मृत बाघ के मामले में लालबर्रा परिक्षेत्र कार्यालय पहुंचे परिजन, समाज और ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की गलती का आरोप चौकीदारों पर लगाना गलत है, क्योंकि उन्होंने केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया था।बता दें कि 27 जुलाई को पोटुटोला नहर के पास नाले में मरा बाघ दिखाई दिया था, जिसे सबसे पहले बहियाटिकुर सुरक्षा श्रमिक हरिलाल को मान सिंह से सूचना मिली थी। उन्होंने वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को सूचना दी थी। वनरक्षक हिमांशु घोरमारे ने बाघ को वहां से हटाने को कहा था।
दो हड्डियां और जला मांस बरामद
कक्ष क्रमांक 443 से मृत बाघ को कक्ष क्रमांक 440 में ले जाया गया। 29 जुलाई को आरोपी बनाए गए सभी वन श्रमिकों ने कक्ष क्रमांक 440 और 444 के सीमा लाइन में ले जाया गया तथा इसी दिन सूखी लकड़ी इकट्ठा कर कक्ष क्रमांक 444 में कर बाघ के शव को जलाकर नष्ट कर दिया गया और राख को आसपास फैला दिया गया।एसडीओ बीआर सलामे के अनुसार, मामले में 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें डिफ्टी रेंजर हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे फरार हैं, जबकि 6 आरोपियों (श्रमिक चौकीदार हरिलाल, शिवकुमार सिंह, शैलेश सिंह, अनुज, मान सलामे और देव सिंह कुमरे) को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। घटना स्थल से राख, दो हड्डियां और जला मांस बरामद किया गया है।
हड्डी का डीएन टेस्ट करायेंगे
सीएफ गौरव चौधरी ने कहा कि चूंकि बाघ का क्षेत्र सघन वनक्षेत्र होता है, जिसकी सूचना आम तौर पर नही मिल पाती। जब तक विभागीय अमला गंभीर ना हो। इस मामले में भी यही हुआ है। बीटगार्ड को सूचना मिलने पर उसे कार्यवाही करनी थी। या फिर विभाग को सूचित करना था। लेकिन उन्होने ऐसा नही किया। क्यो नहीं किया, क्या दिक्कते आई इसकी भी जांच की जा रही है। इलाके में सर्च करने पर हड्डी के जले हुए टुकडे़ मिले है। उसका डीएनए टेस्ट करवाकर सैंपलिंग करवाई जायेगी।