
Deputy CM went to talk about help,no relief goods in food relief center
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। रीवा के विधायक और प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के विकास ने बारिश में कई मोहल्ले को डुबो दिया। बाढ़ पीड़ितों से मिलने इसलिए गए कि वो उनका वोट बैंक हैं। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि हर पीड़ित ,जरूरत मद की मदद की जाएगी। कई कार्यक्रम में शामिल हुए। उद्घाटन किया। भाषण देकर भोपाल चले गए। रह गए बाढ़ पीड़ित। उन्हें ठहराया गयाबाढ़ राहत केन्द्र में। लेकिन खाने पीने के इंतजाम नदारत।
सितम्बर की बारिश बची है
रीवा जले में एक सप्ताह के भीतर दो बार बारिश आफत बनकर टूटी। आगे भी बारिश होनी है। फिर डिप्टी सीएम आएंगे। आश्वासन देगे और भोपाल चले जाएंगे। हो सकता है कि दूसरी बार अबकी दफा से ज्यादा मोहल्ले डूबें। अभी सितम्बर की बारिश बची है। जिसमें आधा रीवा डूबता है। बीजेपी के राम भी नहीं जानते, तब डिप्टी CM क्या बोलकर भोपाल चले जाएंगे।
समुचित सुविधाएं नहीं
प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष कविता पांडेय कहती हैं कि रीवा जिले में एक सप्ताह के भीतर दो बार आई बाढ़ ने नगर और ग्रामीण इलाकों में तबाही मचा दी। शहर के करीब 350 से अधिक घरों में पानी भर गया। जिससे लोगों की गृहस्थी पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गई। प्रशासन ने प्रभावितों को बचाव और राहत केंद्रों में ठहराया है और दावा किया कि केंद्रों में समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि शासन प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत केन्द्र में कोई पानी को पूछने वाला नहीं है। दोपहर दो बजे तक भोजन पानी की व्यवस्था नहीं थी।
स्थायी समाधान जरूरी
कविता ने कहा घरों से पानी तो निकल गया है लेकिन अभी भी कीचड़ है। गृहस्थी तबाह हो चुकी है। प्रशासन से मांग है कि बार-बार जिन क्षेत्रों में बाढ़ आती है उन्हें चिह्नित कर स्थायी समाधान किया जाए। उन्होंने चेताया कि अगर अतिक्रमण पर सख्ती नहीं की गई तो ऐसे हादसे दोहराते रहेंगे। उन्होंने गृहस्थी उजड़ने वालों को मुआवजा देने और लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।
प्रशासन की लापरवाही
कविता पांडेय के अनुसार गुढ़ चैराहा, निराला नगर, अनंतपुर, शांति विहार कालोनी, विद्यास्थली स्कूल के आसपास वार्ड 15 और 25 ऐसे क्षेत्र हैं जो 1997, 2003 और 2017 से लगातार बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। बावजूद इसके प्र्रशासन ने कोई सार्थक पहल नहीं की। यही वजह है कि पिछले कई बरस से ये क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं।लागों की जान जा रही है। घर गृहस्थी तबाह होते आ रही है। नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े को जिन मोहल्ले में बारिश से जलभराव होता है कायदे से उन्हें वहां जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहिए।