
Depty cms doctors could not save him
रीवा। दुष्कर्म की शिकार नाबालिग के गर्भपात की अनुमति हाई कोर्ट से मिली सी थी।डाॅक्टर नाबालिग का गर्भपात कर दिये। गर्भपात के बाद कुछ समय तक उसकी हालत ठीक थी। इसके बाद अचानक उसकी हालत खराब होने पर उसे संजय गांधी अस्पताल लाया गया। 15 वर्षीय नाबालिग जिन्दगी और मौत से जंग लड़ते हुए आखिर तीन महीने बाद उसकी इंतिहा हो गयी। सवाल यह है कि डिप्टी सी.एम. राजेन्द्र शुक्ला ऐसे मामले में अपने डाॅक्टरों से रिपोर्ट क्यों नहीं मांगी। उसके बेहतर इलाज के लिए आदेश क्यों नहीं दिया।
घटना की जांच की जा रही
पीड़िता के परिजनों ने बताया कि उसे एयर एंबुलेंस से भोपाल के लिए रेफर किया जा रहा था। लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सवाल यह है कि डिप्टी सी.एम. राजेन्द्र शुक्ला का अस्पताल प्रबंधन जब पीड़िता की हालत नाजुक है उसे पता होने के बाद भी पहले उसे रेफर क्यों नहीं किया गया। वहीं अब मृतक के परिजन पोस्टमार्टम का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने नाबालिग की मौत के बाद पूरे मामले में मर्ग कायम कर लिया है। जबकि पूरी घटना की जांच की जा रही है।
दुष्कर्मी जेल में
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाला आरोपी सीधी जिलेे के बहरी थाना का है। पुलिस पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उधर मौत के बाद मर्ग कायम कर पुलिस पीड़िता का पोस्टमार्टम करा रही है। जिसके बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
रास्ते में ही दम तोड़ दी
पीड़िता के परिजनों के अनुसार आरोपी ने पहले तो जबरन उसके साथ मई महीने से दुष्कर्म कर रहा था। पीड़िता को धमकाता रहा कि किसी को दुष्कर्म की जानकारी दी तो तेरी खैर नहीं। डर की वजह से नाबालिग ने किसी को बताया नहीं।परिवार के लोगों की प्रतिष्ठा और उनको चिंता से बचाने के लिए यह बात किसी को नहीं बताई। लेकिन 5 महीने बाद उसे और परिवार के लोगों को पता चला की वो गर्भवती है। मामला कोर्ट पहुंचाए। पीड़िता कमजोर थी और बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक.मानसिक रूप से तैयार नहीं थी। जिससे गर्भपात का फैसला किया गया। गर्भपात के बाद से उसका इलाज चल रहा था। रविवार को उसकी हालत बेहद बिगड़ गई। जब उसे एयर एंबुलेंस के लिए एयरपोर्ट ले जाया जा रहा था। रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।