
Demonstration with dead and symbolic tombs wrapped in shroud
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल (ब्यूरो)। भोपाल के कोलार क्षेत्र के अकबरपुर बंजारी में गोशला के लिए भूमि पूजन पर विवाद गहरा गया है। वक्फ की पंजीकृत कब्रिस्तान जमीन पर गोशाला भूमि पूजन के बाद आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने सोमवार को वक्फ बोर्ड कार्यालय के सामने अनोखा प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक कब्रें बनाई। कफन ओढ़े लोग मुर्दा बनकर जमीन पर लेटे और सवाल पूछा अगर कब्रिस्तान पर माल और गोशालाएं बनेंगी तो हम अपने मरे लोगों को कहां दफनाएंगे।
कब्रिस्तान में रसूखों का कब्जा
भोपाल में कोलार क्षेत्र के अकबरपुर बंजारी में कब्रिस्तान की जमीन पर गोशाला बनाई जा रही है। कब्रिस्तान के केयरटेकर शेख मतीन ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि इस जमीन पर वक्फ बोर्ड का रजिस्टर्ड कब्रिस्तान की है। जिस पर कांग्रेस नेता अश्विनी श्रीवास्तव कब्जा कर गोशाला बनाने में लगे है। हमारा सवाल यह है कि कब्रिस्तान पर जो भी रसूख कब्जे किये हैं उन्हें हटाया जाए।
तो कमेटी हाईकोर्ट का रुख करेगी
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे समिति के संरक्षक शमसुल हसन ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में कभी 189 पंजीकृत कब्रिस्तान थे, लेकिन आज सिर्फ 22 बचे हैं। कब्रिस्तान की ज़मीनों पर योजनाबद्ध तरीके से कब्जे हो रहे हैं। कोलार में तो कांग्रेस नेताओं ने वक्फ जमीन पर कब्जा कर भाजपा विधायक से भूमिपूजन भी करवा लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कमेटी हाईकोर्ट का रुख करेगी।
हमारी विरासत पर हमला है
समिति ने प्रदर्शन के दौरान वक्फ बोर्ड को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि अकबरपुर के कोलार कब्रिस्तान की 0.620 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। यहां भूमाफिया निर्माण कार्य शुरू कर चुके हैं। यह सिर्फ जमीन का मसला नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय की आस्था, पहचान और बुजुर्गों के सम्मान पर सीधा हमला है।
वक्फ की पंजीकृत कब्रिस्तान जमीन पर गोशाला भूमि पूजन
मामला संज्ञान में है
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनव्वर पटेल ने कहा कि मामला संज्ञान में है। हमने अधिकारियों को रिकॉर्ड खंगालने और जमीन की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। यदि जमीन वक्फ की निकली, तो उसकी सुरक्षा के लिए शासन को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञापन में वक्फ बोर्ड से मांग
- कब्रिस्तान की जमीन पर चल रहे निर्माण को तत्काल रोका जाए।
- कब्जा हटाने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई हो।
- वक्फ की संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराने की व्यापक मुहिम शुरू की जाए।
- इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों और नेताओं पर एफआईआर हो।