
Demand to extend the tenure of waqf bord bill
नई दिल्ली। (ब्यूरो) । वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 की संयुक्त संसदीय समिति JPC का कार्यकाल बढ़ाने के लिए विपक्षी सांसदों ने मांग उठाई है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित व विपक्षी सांसद सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले और उन्होंने विधेयक एक अनुरोध पत्र पेश कर वक्फ बोर्ड की संयुक्त कार्य समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की। इस संबंध में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर जानकारी दी और कहा कि स्पीकर ने भरोसा दिलाया है कि सांसदों के अनुरोध पर वह सकारात्मक रूप से विचार करेंगे।
अप्रासंगिक संगठनों का प्रजेंटेशन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में विपक्षी सदस्यों ने कहा हम आपसे अनुरोध करने के लिए लिख रहे हैं कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल उचित समय के लिए बढ़ाया जाए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि समिति ने 22 अगस्त को अपनी पहली बैठक की थी और तब से 25 बैठकें हो चुकी हैं। जहां अप्रासंगिक संगठनों की ओर से प्रजेंटेशन दिए गए। बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्य सरकारों को अभी भी समिति के सामने पेश होना है। कुछ अन्य हितधारक अभी भी समिति के सामने अपने विचार रखने के समय मांग रहे हैं।
ओम बिरला ने दिया आश्वासन
पत्र में आगे कहा गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक एक व्यापक कानून है जिसमें मौजूदा कानूनों में कई बड़े बदलाव शामिल हैं। ये बदलाव भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करेंगे। इसलिए विचार विमर्श के लिए तीन महीने की अवधि अपर्याप्त मानी जाती है। और इसके परिणामस्वरूप अनुचित सिफारिशें हो सकती हैं।उचित परामर्श और विचार विमर्श के लिए समिति का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। पत्र मिलने पर लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को आश्वासन दिया कि वे अनुरोध पर विचार करेंगे।
विकास अधिनियम
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 मोदी 3.0 सरकार की ओर से पेश किया गया। यह पहला महत्वपूर्ण कानून है। जिसने मुस्लिम संगठनों और विपक्ष के बीच काफी विवाद खड़ा कर दिया है। इस साल अगस्त में संसद में पेश किए गए इस विधेयक में केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रावधान है। इसमें वक्फ अधिनियम 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण दक्षता और विकास अधिनियम करने का भी प्रस्ताव है।