
Defense university open in bhopal
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव की कैबिनेट बैठक 15 दिनों बाद हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि भोपाल में खुलेगा रक्षा विश्वविद्यालय का कैम्पस। 1766 पुल पुलियों के निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए मंजूद हुआ। साथ ही 230 वृंदावन ग्राम विकसित होंगे।
10 एकड़ जमीन देने का निर्णय
गांधीनगर (गुजरात) स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) का कैम्पस भोपाल में खुलेगा। इस विश्वविद्यालय के लिए मोहन कैबिनेट ने मंगलवार को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में 10 एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जर्जर 1766 पुलों की मरम्मत के लिए 4572 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण किया है। कैबिनेट ने आज वृंदावन ग्राम योजना का भी अनुमोदन कर दिया है। प्रत्येक विधानसभा (230) में एक वृंदावन ग्राम विकसित किया जाएगा। जिसके 27 मानक होंगे।
पुलों के लिए 4572 करोड़ मंजूर
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में बनाए गए पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। इसलिए सरकार ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन सड़कों और पुलों को सुधारने का निर्णय लिया है। 1766 पुलों के निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
एक बगिया मां के नाम योजना शुरू होगी
कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार ‘एक बगिया मां के नाम’ से नई योजना प्रारंभ करने जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाएं आजीविका संवर्धन के लिए 30 हजार एकड़ भूमि पर 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण करेंगी। इस पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर फल उद्यान का विकास किया जाएगा।
85 हजार खेत तालाबों का निर्माण हुआ
बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में संचित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण किया है। भूजल संवर्धन के लिए 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण किया। पानी की अमृत बूंद को सहेजने के लिए अमृत सरोवर 2.0 के तहत 1000 से अधिक नए अमृत सरोवरों का निर्माण प्रारंभ हुआ है। शहरी क्षेत्र में समाज की सहभागिता से 3300 से अधिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2200 नालों की सफाई और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाई गईं।