
Crops destroyed by dirty water of hcl tambling project,cow is dying
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघट(ब्यूरो)। बालाघाट में एशिया की सबसे बड़ी एचसीएल ताम्र परियोजना से निकलने वाला गंदा पानी और राख की वजह से स्थानीय नागरिक परेशान है। गंदा पानी किसानों के खेत में जा रहा है। जिसकी वजह से खेतिहर जमीन को नुकसान हो रहा है। जमीन उर्वरक क्षमता खत्म होती जा रही है। इसकी शिकायत छिंदीटोला, बोरखेड़ा और सूजी के लोगों ने आकर सांसद भारती पारधी से की। उन्हें बताया कि किस तरह एचसीएल ताम्र परियोजना की वजह से ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है।सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ ही रहा है पूरे गांवों का पर्यावरण भी खराब होता जा रहा है। गंदा पानी पीने से गायें मर रही हैं।
कंपनी से कोई राहत नहीं
बोरखेड़ा के पूर्व सरपंच छतरसिंह मेरावी के अनुसार एचसीएल के टेलिंग डैम से निकलने वाले गंदे पानी और राख से खेती को नुकसान हो रहा है। लोगों को त्वचा रोग हो रहा हैं। गंदा पानी पीने से पशु भी मर रहे हैं। शिकायत के बावजूद कंपनी का प्रबंधन कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा है। किसानों के नुकसान की मदद भी नहीं करता। इतना ही नहीं आज तक कंपनी ने प्रभावित परिवारों के युवाओं को रोजगार नहीं दिया।
नौकरी की सिफारिश अधर में
सांसद प्रतिनिधि प्रशांत जैन ने बताया कि एचसीएल से सटे चार गांवों की आबादी लगभग 1200 से 1400 है। रासायनिक पानी से किसानों की जमीन और फसलें बर्बाद हो रही हैं।1976 में तत्कालीन कलेक्टर स्वामीनाथन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को एचसीएल में नौकरी देने की सिफारिश की थी। लेकिन इस वायदे पर कंपनी प्रबंधन ने आज तक ध्यान नहीं दिया।
समाधान का आश्वासन
छिंदीटोला, बोरखेड़ा और सूजी आदि गांवों में कृषि और मजदूरी ही आजीविका का मुख्य साधन है। खेती प्रभावित होने से युवा पलायन को मजबूर हैं। सांसद भारती पारधी ने परियोजना प्रबंधन से चर्चा कर समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।