
Controversy over actress harsha sitting in the charit in mahakumbh
प्रयागराज (ब्यूरो)। धर्म की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ में एक से बढ़कर एक साधु संत,अघोरी आए हुए हैं। इन सब के बीच हर्षा रिछारिया ज्यादा भक्त और आम लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। वो फिल्मों में काम कर चुकी है। उनका ग्लेमर देखते ही बनता है। अब उनको लेकर धर्म के ठेकेदारों ने एक बहस छेड़ दी है। पेशवाई के दौरान एक्ट्रेस हर्षा रिछारिया को रथ में बिठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है।शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि संतों को दिखावा नहीं करना चाहिए। यह उचित समय नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना अच्छा नहीं है। आगे चलकर एक नयी परंपरा शुरू हो जाएगा।साधु संतों को इससे बचना चाहिए। इसके गंभीर परिणाम आने वाले समय होंगे।
संतों के साथ हर्षा रिछारिया
दरअसल, 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। हर्षा रिछारिया ने अपनी उम्र 30 साल बताई और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को अपना गुरु बताया। वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। हर्षा एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं।वह एंकर और एक्ट्रेस रह चुकी हैं। हालांकि उन्होंने ग्लैमरस की दुनिया को छोड़ दिया है। उन्होंने बताया था कि पिछले दो सालों से वह साधना में ध्यान लगा रही हैं और साधना से उन्हें साधना कर सुकून मिलता है।
मैं साध्वी नहीं हूं
पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था।इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। ट्रोलर्स के भी निशाने पर आई हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं।
भक्ति-ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं
हर्षा ने बताया- भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है। मैंने अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी स्पष्ट किया है। अगर मैं चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। यह मेरी यात्रा है। मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं।